सर्दियों का सबसे अच्छा आहार है बथुआ, जानिए इसके 13 फायदे, तासीर और नुकसान - bathua saag benefits in hindi

बथुआ सर्दियों के मौसम की सबसे सेहतमंद साग या सब्जी है, जिसके कई अमूल्य फायदे हैं, तो जानिए बथुआ खाने के फायदे, न्यूट्रिशन, नुकसान, साग बेनिफिट्स.
सर्दियों का सबसे अच्छा आहार है बथुआ, जानिए इसके 13 फायदे, तासीर और नुकसान - bathua saag benefits in hindi

bathua saag benefits: सर्दी का मौसम हरी सब्जियों का होता है जिसमें पालक, सरसों का साग, मेथी, चौलाई का साग शामिल है, उसी तरह बथुआ को भी सर्दियों का सबसे अच्छा आहार माना जाता है.

बथुआ बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सबके लिए अमृत समान हैं. कई आहार विशेषज्ञ कहते हैं कि बथुआ एक स्वस्थ साग है जिसमें कई तरह के पोषण मौजूद होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं.

सर्दियों में मौसमी बीमारियों से बचने और शरीर की आंतरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए डॉक्टर भी आहार में बथुआ या किसी भी हरी सब्जी को खाने की सलाह देते हैं.

यदि आप आहार में बथुआ की सब्जी, साग या पराठे में इसका उपयोग करते हैं तो इससे शरीर को एक नहीं अनेक लाभ होते हैं, जिनके बारे में लेख में आगे चर्चा की जाएगी.

बीमार होने पर शरीर की कमजोरी को दूर करने और गर्भवती महिलाओं में विटामिन बी-सी और आयरन की आपूर्ति के लिए भी यह एक बेहतरीन प्राकृतिक स्रोत है. लेकिन गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.

लेख में आगे बढ़ते हुए जानिए बथुआ की तासीर, पोषक तत्व और इसके अनेक फायदों (bathua in hindi) के बारे में.

बथुआ की तासीर - Bathua Ki Tasir

यदि आप जानना चाहते हैं कि बथुआ की तासीर कैसी होती है? तो इसका जवाब है, कि बथुआ की तासीर गर्म  प्रवृति की होती है.

बथुआ के नियमित सेवन से शरीर को कई तरह के विटामिन और मिनरल मिलते हैं, जो शरीर को रोगमुक्त रखने में मदद करते हैं. इसका प्रभाव गर्म होता है, इसलिए इसे अधिक मात्रा में उपयोग करने से बचें.

बथुआ के पोषक तत्व - bathua nutrition

हर खाद्य पदार्थ की तरह बथुआ भी कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से संपन्न है, जो इस प्रकार हैं:

  • कैल्शियम.
  • आयरन.
  • फास्फोरस.
  • पोटेशियम.
  • मैग्नीशियम.
  • मैग्नीज.
  • सोडियम.
  • जिंक.
  • कैलोरी.
  • प्रोटीन.
  • फाइबर.
  • विटामिन B2, B3, B5.
  • विटामिन A,C.

बथुआ भाजी खाने के फायदे - Benefits of eating Bathua Bhaji in hindi

आयुर्वेद के अनुसार बथुआ एक स्वस्थ हरा साग है, जिसमें कई प्रकार के लवण और क्षार पाए जाते हैं, जो कई प्रकार के रोगों को दूर करने में उपयोगी होते हैं, तो जानिए बथुआ के फायदे.

1. पेट से जुड़ी समस्याएं (stomach problems)

पेट संबंधी किसी भी समस्या को कम करने के लिए बथुआ एक अमृत औषधि है. इसके सेवन से आमाशय को ताकत मिलती है, कब्ज, गैस, भूख न लगना जैसी समस्याएं कम होती हैं.

इसके नियमित सेवन से पाचन क्रिया में भी सुधार होता है साथ ही पेट में कीड़े की समस्या होने पर बथुआ की सब्जी खिलाने से कीड़े समाप्त हो जाते हैं.

100 ग्राम बथुआ में 2.1 ग्राम फाइबर तत्व होता है, जो पेट संबंधी विकारों को दूर करने के लिए आवश्यक तत्व माना जाता है.

बथुआ का रस या उबला हुआ पानी पीने से पेट के हर प्रकार के रोगों को दूर किया जा सकता है.

2. बढ़ाएं प्रतिरोधक क्षमता (increase immunity)

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बथुआ को भी डाइट में शामिल किया जा सकता है. बथुआ और गिलोय को एक साथ पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, इसका रस पीलिया में भी लाभकारी होता है.

इसमें विटामिन सी, जिंक और प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं, जो शरीर की आंतरिक शक्ति को बढ़ाते हैं, ये शरीर की कमजोरी को दूर करने में भी उपयोगी होते हैं.

3. रक्त की शुद्धि (blood purification)

रक्त की शुद्धि ना होने पर शरीर में अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न होने लगते हैं तथा खून में गंदगी और टॉक्सिन जमा होने लगते हैं, इसलिए खून को साफ रखना जरूरी है.

ज्यादातर पिंपल्स का कारण खून की अशुद्धियां होती हैं. बथुआ के नियमित सेवन से खून साफ होता है साथ ही बेदाग त्वचा मिलती है.

बथुए के उबले हुए पानी से त्वचा को धोने से और बथुए के पत्ते को निचोड़ कर रस तिल के तेल के साथ गर्म कर त्वचा पर लगाने से आराम मिलता है.

4. महिलाओं के लिए फायदेमंद (beneficial for women)

महिलाओं के लिए भी बथुआ के साग के फायदे देखे गए हैं. बथुआ आयरन का अच्छा स्रोत है, जिसके नियमित सेवन से एनीमिया को दूर करने की शक्ति मिलती है.

अक्सर महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है, बथुआ उनके लिए भी फायदेमंद साबित होता है. बथुआ के बीजों का प्रयोग मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करने के लिए किया जा सकता है.

बथुआ के बीजों और सौंठ को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें, 400 मिलीलीटर पानी में 15/20 ग्राम चूर्ण मिलाकर पानी को एक चौथाई रह जाने तक अच्छी तरह उबाल लें फिर छानकर इस्तेमाल करें.

5. लीवर के लिए उपयोगी (useful for liver)

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप डाइट में बथुआ साग (batua sag) का इस्तेमाल करते हैं तो यह लीवर के लिए काफी हितकारी साबित होता है.

लीवर से जुड़ी हुई परेशानियां से बचने एवं पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए बथुआ के बीजों का प्रयोग करें. पीलिया की समस्या से ग्रसित होने पर 6 ग्राम बथुआ बीजों को सुबह-शाम सेवन करने से पीलिया रोग में छुटकारा मिल सकता है.

यह ब्लड प्यूरीफायर की तरह काम करता है जिससे लीवर पर जमा टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद मिलती है.

6. जोड़ों के दर्द से दे राहत (Give relief from joint pain)

जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए बथुआ के बीजों का सेवन लाभकारी होता है. 10 ग्राम बीजों को 200 मिलीलीटर पानी में उबालें, इस पानी को एक चौथाई रह जाने तक उबालें, इसके बाद इसे छानकर गर्मागर्म सेवन करें.

इसे 1 महीने तक दिन में दो बार लेने से जोड़ों के दर्द में आराम मिल सकता है. इसकी ताजी पत्तियों को पीसकर हल्का गर्म करके दर्द वाले स्थान पर लगाने से भी लाभ मिल सकता है.

बथुआ के ताजे पत्तों का 15 ग्राम रस रोजाना पीने से भी गठिया रोग में लाभ होता है, इस रस का सुबह खाली पेट सेवन करे तथा इसके आगे पीछे 2 घंटे तक कुछ ना खाएं.

सर्दियों का सबसे अच्छा आहार है बथुआ, जानिए इसके 13 फायदे, तासीर और नुकसान - bathua saag benefits in hindi

7. स्वस्थ त्वचा के लिए (for healthy skin)

स्वस्थ और निखरी त्वचा पाने के लिए भी बथुआ साग, सब्जी या इसके बीजों का सेवन फायदेमंद होता है. चेहरे पर होने वाली मुँहासे, दाग-धब्बों को दूर करने के लिए बथुआ के बीजों को अच्छे से पीस लें फिर इस पेस्ट को उबटन की तरह चेहरे पर लगाएं.

दरअसल, बथुआ में विटामिन सी पोषक तत्व की मात्रा पाई जाती है, जो स्वस्थ त्वचा के लिए जरूरी पोषक तत्व माना जाता है.

8. दांत दर्द से राहत (toothache relief)

दांत दर्द की सबसे ज्यादा समस्या सर्दी के मौसम में देखने को मिलती है. इस समस्या से निजात पाने के लिए बथुआ को घरेलू उपचार की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

आयुर्वेद के अनुसार बथुआ के पत्तों को उबालकर पीने से दांत दर्द में आराम मिलता है. इसके बीजों को भूनकर इसका चूर्ण तैयार कर लें इस चूर्ण को दातों पर रख लें इससे दांत दर्द में छुटकारा मिल सकता है.

9. रक्त पित्त को दूर करें (remove blood clots)

आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार रक्त पित्त को दूर करने के लिए भी बथुआ का इस्तेमाल किया जा सकता है. नाक व कान से खून बहने की परेशानी से राहत पाने के लिए बथुआ का साग, सब्जी या इसके बीजों को डाइट में शामिल कर सकते हैं.

1 से 2 ग्राम बथुआ के बीजों का चूर्ण बना लें तथा शहद के साथ सेवन करने से रक्त पित्त की समस्या दूर हो सकती है.

10. बच्चों के लिए फायदेमंद (beneficial for children)

सर्दियों के दिनों में मिलने वाली बथुआ वेजिटेबल्स के एक नहीं बल्कि अनेक फायदे हैं.

आहार विशेषज्ञों के अनुसार यदि बथुआ का साग, सब्जी या इसके पराठे का सेवन बच्चे करते हैं, तो आंखों की रोशनी तेज होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.

अधिकतर छोटे बच्चों के पेट में कीड़े की समस्या को देखा जाता है. इस समस्या को दूर करने के लिए बथुआ की सब्जी कुछ दिनों तक बच्चों को खिलाएं या एक कप कच्चा बथुआ का रस सुविधानुसार रोजाना पिलाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं.

11. वजन को करे कम (reduce weight)

बथुआ बेनिफिट्स में वजन को नियंत्रित करना या घटाना भी शामिल है, दरअसल वजन कम करने के लिए एक परफेक्ट डाइट फॉलो करनी होती है, जिसमें कैलोरी की मात्रा कम और फाइबर ज्यादा हो.

वेट लॉस करने के लिए बथुआ भी एक बढ़िया विकल्प है. प्रति 100 ग्राम बथुआ में 2.1 ग्राम फाइबर और 40 कैलोरी होती है.

फाइबर की मौजूदगी होने से भूख नियंत्रण रहती है जिस कारण वजन घटाने में मदद मिलती है.

12. बालों के लिए उपयोगी (useful for hair)

बालों को स्वस्थ रखने के लिए बथुआ का सेवन फायदेमंद होता है.

दरअसल बथुआ में विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो बालों की देखभाल व ग्रोथ के लिए जरूरी होते हैं इसके लिए बथुआ की सब्जी को आहार में शामिल करें.

बथुआ को पानी में उबालकर उसके पानी से सिर को धोने से जुएं और रूसी की समस्या भी दूर हो सकती है.

13. विज़न में करे सुधार (improve vision)

उम्र के साथ-साथ आंखों का विज़न धुंधला और कम होने लगता है. बथुआ की सब्जी खाने के फायदों में आंखों की रोशनी को बनाए रखना और उनकी देखभाल करना शामिल है.

वैसे भी हरी सब्जियां स्वास्थ्य देखभाल में अहम योगदान देती हैं, दरअसल इनमें वे सभी जरूरी पोषण होते हैं जो शरीर को स्वस्थ और रोगमुक्त रखने के लिए जरूरी माने जाते हैं. डाइट में बथुआ या कोई भी हरी सब्जी जरूर खानी चाहिए.

आइए आगे जानते हैं बथुआ को आहार में कैसे शामिल करें और इसके कुछ नुकसान के बारे में.

बथुआ का उपयोग कैसे करें?  - how to use bathua in hindi

यह बहुत ही स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक हरी सब्जी है जिसे आहार में इस प्रकार शामिल कर सकते है जैसे कि:

  1. बथुआ का रायता.
  2. बथुआ के टेस्टी पराठे.
  3. बथुआ की सब्जी, साग या भाजी.
  4. बथुआ का जूस.

बथुआ खाने के नुकसान – side effects of bathua in hindi

हर खाद्य पदार्थ के फायदे और कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, उसी तरह बथुआ का अधिक मात्रा में सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है जो इस प्रकार हैं:

  • इसमें ओक्सिजेलिक एसिड अधिक होता है जिससे डायरिया, पेट में दर्द, कब्ज जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती हैं.
  • आहार विशेषज्ञों के अनुसार गर्भवती महिलाओं का को बथुए का अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है इसलिए बथुआ खाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
  • इसका अधिक सेवन स्किन एलर्जी की समस्या भी उत्पन्न कर सकता है.

पूछे जाने वाले प्रश्न - questions to ask

Q. बथुआ साग खाने के क्या फायदे हैं?

A. बथुआ साग कई विटामिंस और मिनरल्स का खजाना है जिसके अनेक फायदे हैं जैसे इम्यूनिटी को बूस्ट करने, रक्त शुद्धि, महिलाओं के लिए फायदेमंद, लीवर के लिए उपयोगी, जोड़ों व गठिया रोग को दूर करने, दांत दर्द, रक्त पित्त को दूर करने, बच्चों के लिए फायदेमंद, वजन कम करने और आंखों की रोशनी को बढ़ाने में उपयोगी साबित होता है.

Q. बथुआ में प्रोटीन की मात्रा कितनी होती है?

A. प्रत्येक 100 ग्राम बथुआ की ताजी हरी पत्तियों में लगभग 4.2 ग्राम प्रोटीन होता है. अगर इसे मट्ठा या दही में मिला दिया जाए तो यह किसी भी मांसाहारी से ज्यादा प्रोटीन देने वाला पौस्टिक व स्वादिष्ट आहर बन जाता है.

Q. क्या प्रेगनेंसी में बथुआ खा सकते हैं?

A. बथुए का सीमित सेवन गर्भावस्था में किया जा सकता है लेकिन इसका अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है. बथुए को प्रेगनेंसी डाइट में शामिल करने से पहले चिकित्सक सलाह अवश्य लें.

Q. बथुआ के बीज खाने के क्या फायदे हैं?

A. बथुआ की सब्जी खाने से जो फायदे होते हैं वही फायदे बथुआ के बीज खाने से भी होते हैं. कई आयुर्वेदिक औषधियों को बनाने में बथुआ के बीज का उपयोग किया जाता है. पीलिया रोग, दांत दर्द में आराम, बालों के लिए, वजन को कम करने, पेट के कीड़े मारने, एनीमिया की शिकायत को दूर करने में लाभकारी है.

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