इस लेख में हाई ब्लड प्रेशर यानी कि उच्च रक्तचाप बीमारी के बारे में बात कर रहे हैं, जिसके बारे में डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार यह बीमारी हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे, आंखों की रोशनी और अन्य बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ाती है.
दुनिया भर में 30 से 80 वर्ष की आयु के लोग 1.28 बिलियन वयस्क उच्च रक्तचाप की बीमारी से पीड़ित होते हैं, जो अकाल मृत्यु का प्रमुख कारण होता है.
आज हर तीन में से एक व्यक्ति ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन, उच्च रक्तचाप से ग्रसित है जिसे साइलेंट किलर भी कहते हैं.
रिपोर्टो के अनुसार यह बीमारी पहले वृद्ध अवस्था में पाई जाती थी किंतु बदलती जीवन शैली के कारण अब 35 से 45 वर्ष की उम्र के लोग भी इससे ग्रसित होने लगे हैं.
पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को उच्च रक्तचाप की समस्या कम होती है लेकिन गर्भावस्था, मासिक धर्म और प्रसव के दौरान, पहले या बाद में उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है.
इस बीमारी के खतरे से बचने या इसे नियंत्रण करने के लिए डॉक्टर से उचित इलाज करवाएं, अपनी लाइफ स्टाइल एवं डाइट में कुछ बदलाव करें.
इसलिए इस लेख के माध्यम से कुछ ऐसे फलों (high blood pressure fruit in hindi) के बारे में जानेंगे जो हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रण करने में मदद कर सकते हैं.
उच्च रक्तचाप परिभाषा - high blood pressure definition in hindi
मानसिक तनाव, अनिंद्रा, असंतुलित आहार, दूषित वातावरण, घंटों बैठे काम करना और शारीरिक गतिविधियों को ना करने के कारण हर उम्र के लोग इस बीमारी के चपेट में आ रहे हैं.
हाई ब्लड प्रेशर जिसे धमनी उच्च रक्तचाप भी कहते हैं.
जब धमनियों में रक्त का प्रभाव बढ़ जाता है तब नसों में रक्त का प्रभाव बनाये रखने के लिए ह्रदय को सामान्य से अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ती है, इस स्थिति को हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप कहते हैं.
ऐसे में धमनियां जितनी पतली और सिकुड़ी होगी दिल को ब्लड पंप करने में उतनी ही ताकत लगानी पड़ेगी, जिससे रक्तचाप उतना ही अधिक होगा.
ऐसे में लंबे समय तक इस बीमारी के रहने के कारण हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है.
हाई ब्लड प्रेशर में कौन से फल खाएं इसके पहले संक्षेप में थोड़ा सा जान लेते हैं कि उच्च रक्तचाप बढ़ने के क्या कारण होते हैं.
हाई ब्लड प्रेशर के कारण - due to high blood pressure in hindi
जब शरीर किसी भी बीमारी से ग्रसित होता है तो इसके पीछे कुछ ना कुछ कारण होते हैं उसी तरह हाई ब्लड प्रेशर बीमारी होने के भी कुछ कारण हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं.
- जन्म के समय कम वजन.
- धूम्रपान करने वाली माताएं.
- अव्यावहारिक जीवन शैली.
- व्यर्थ की भागदौड़.
- दिनचर्या में व्यायाम की कमी.
- मानसिक और शारीरिक तनाव.
- धूम्रपान और अल्कोहल का अधिक सेवन.
- मिर्च-मसाले, घी, तेल, नमक, शक्कर व मीठे पदार्थों का अधिक सेवन.
- मोटापा, मधुमेह, गैस अपच की समस्या.
- गुर्दे की खराबी.
- थायराइड की समस्या.
हाई ब्लड प्रेशर में कौन से फल खाएं? - Which fruits to eat in high blood pressure in hindi
एक संतुलित और स्वस्थ आहार कई बीमारियों के जोखिम को कम करने या नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है.
हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम युक्त फलों का सेवन करना चाहिए, तो जानिए हाई ब्लड प्रेशर फल के नाम.
1. केला (banana)
जी हां, हाई ब्लड प्रेशर में केला खाना बेहद लाभदायक होता है क्योंकि इसमें पोटेशियम की मात्रा अधिक और सोडियम की मात्रा बहुत ही कम होती है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को सोडियम लेने से परहेज करना चाहिए.
केला कई खनिज तत्वों का भंडार होता है जिसके सेवन से ना सिर्फ उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है बल्कि वजन व अपच की समस्या कम करने, दिन भर ऊर्जावान बने रहने, हड्डियों की मजबूती, इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में भी इसके फायदे देखे गए हैं.
मात्रा:
प्रति 100 ग्राम केले में 358 मिलीग्राम पोटैशियम की मात्रा होती है जो दैनिक स्तर का 8% प्रदान करता है और सोडियम की 1 मिलीग्राम मात्रा होती है.
सेवन:
हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित मरीजों को आहार में 1-2 केले नियमित रूप से खाना चाहिए.
2. खुबानी (Apricot)
खुबानी फल भी पोटेशियम का उत्कृष्ट स्रोत होने के कारण हृदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है.
जब शरीर में हृदय गति सामान्य रहेगी रक्त वाहिकाओं में खून का प्रभाव सामान्य रहेगा तो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से भी नहीं जूझना होगा.
इसलिए हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने वाले फलों में आप खुबानी फल को भी शामिल कर सकते हैं.
इसके अलावा खुबानी में विटामिन ए और कैरोटीन का भी उच्च स्रोत मौजूद होता है जो स्वस्थ दृष्टि के लिए आवश्यक माना जाता है.
मात्रा:
प्रति 100 ग्राम खुबानी में 250 मिलीग्राम पोटैशियम एवं 1 मिलीग्राम सोडियम की मात्रा होती है.
सेवन:
खुबानी को सीधे फल के रूप में खा सकते हैं, इसका जूस पी सकते हैं और सूखी खुबानी का सेवन कर सकते हैं.
3. संतरा (Orange)
दरअसल हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए पोटेशियम तत्व की आवश्यकता होती है, जो संतरे में भरपूर मात्रा में होता है और सोडियम तत्व से परहेज रखना होता है जो संतरे के अंदर ना के बराबर में होता है.
संतरे में मौजूद पोटेशियम शरीर के तरल पदार्थों का एक महत्वपूर्ण घटक है जो सोडियम के दबाव का मुकाबला करके हृदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है.
इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है जो शरीर के विषैले पदार्थों को बाहर निकालने और इम्यूनिटी को मजबूत करने में फायदेमंद होता है.
कैंसर से भी सुरक्षा प्रदान करने में संतरे के फायदे देखे गए हैं दरसअल इसमें पेक्टिन गुण होता है, जो कैंसर पैदा करने वाले रसायनों के जोखिम को कम करने में मदद करता है.
मात्रा:
प्रति 100 ग्राम संतरे में 179 मिलीग्राम पोटैशियम और 0 मिलीग्राम सोडियम की मात्रा होती है.
सेवन:
दोपहर के समय एक या दो संतरे का सेवन करें या इसका जूस पियें.
4. स्ट्रॉबेरी (Strawberry)
पोटेशियम शरीर के तरल पदार्थों का महत्वपूर्ण घटक है जो हृदय संबंधी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है.
स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स, विटामिन और खनिज का समृद्ध स्रोत होता है, जो कैंसर और तंत्रिका संबंधी रोगों के खिलाफ आवश्यक माने जाते हैं.
इसके अलावा स्ट्रॉबेरी विटामिन सी का उच्च स्रोत होता है जो शरीर से हानिकारक कणो को खत्म करने में मदद करता है.
मात्रा:
100 ग्राम स्टॉबेरी में 153 मिलीग्राम पोटेशियम होता है और 1 मिलीग्राम सोडियम होता है.
सेवन:
स्ट्रॉबेरी फल को सीधे फल की तरह खा सकते है, इसका जूस भी पी सकते हैं और इसे सलाद के साथ भी खा सकते हैं.
5. सीताफल (custard apple)
इसके सेवन से रक्त वाहिकाओं को फैलने से बचाने में मदद मिलती है, इसलिए ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसका सेवन अवश्य करना चाहिए.
इस फल के नियमित सेवन से चिड़चिड़ापन, तनाव और सिर दर्द की बीमारियों को शांत करने में भी मदद मिलती है.
मात्रा:
प्रति 100 ग्राम सीताफल में 382 मिलीग्राम पोटैशियम, 18 मिलीग्राम मैग्नीशियम और 3 मिलीग्राम सोडियम होता है.
सेवन:
सीताफल को फल के रूप में खा सकते हैं और इसकी स्मूदी भी तैयार कर सकते हैं.
6. कीवी फल (Kiwi fruit)
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ या फलों का सेवन करना चाहिए.
इसलिए आप डाइट में कीवी फल को शामिल कर सकते है क्योंकि इसमें पोटेशियम और मैग्नीशियम उच्च मात्रा में होते है, जो बीपी को कंट्रोल करने के साथ-साथ हृदय रोगों से भी बचाते है.
इसके अलावा कीवी फल विटामिन सी का भी उच्च स्रोत है लगभग प्रति 100 ग्राम कीवी में 92.7 मिलीग्राम विटामिन सी होता है, जो दैनिक स्तर का 154% प्रदान करता है.
इसलिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए भी कीवी फल का सेवन किया जा सकता है.
कई शोध अध्ययनों से यह भी ज्ञात हुआ है कि कीवी फल में एस्प्रिन के समान कुछ तत्व खून को पतला करने का कार्य करते है.
जिससे रक्त वाहिकाओं के अंदर खून का थक्का जमने से रोकने में मदद मिलती है जिस कारण स्ट्रोक और हाइपरटेंशन की बीमारी का खतरा भी कम रहता है.
मात्रा:
प्रति 100 ग्राम कीवी में 312 मिलीग्राम पोटैशियम, 17 मिलीग्राम मैग्नीशियम और 3 मिलीग्राम सोडियम होता है.
सेवन:
कीवी को फल के रूप में खा सकते हैं, इसका जूस पी सकते हैं और सलाद के साथ भी इसका सेवन कर सकते हैं.
7. तरबूज (watermelon)
खास तौर पर गर्मियों के सीजन में तरबूज कई पोषक तत्वों और पानी से भरपूर फल होता है, जो शरीर में पानी की पूर्ति करने और शरीर में एनर्जी बनाए रखने में मदद करता है.
लेख में बताए गए बाकी फलों की तरह तरबूज भी पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है जो हृदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है जिससे स्ट्रोक और कोरोनरी ह्रदय रोगों से सुरक्षा मिलती है.
तरबूज लाइकोपीन, ल्यूटिन, बीटा कैरोटीन, विटामिन ए से भरपूर होता हैं जो फेफड़ों, मुंह के कैंसर से बचाने और हानिकारक पराबैंगनी किरणों से त्वचा की सुरक्षा प्रदान करते हैं.
मात्रा:
प्रति 100 ग्राम तरबूज में 112 मिलीग्राम पोटैशियम, 10 मिलीग्राम मैग्नीशियम और 1 मिलीग्राम सोडियम होता है.
सेवन:
तरबूज को काटकर फल की तरह खा सकते हैं, इसका जूस पी सकते हैं और इसे सलाद के साथ भी खा सकते हैं.
8. नींबू (Lemon)
दरअसल इसके सेवन से रक्त वाहिनीयों की कठोरता को समाप्त कर उसमें लचीलापन पैदा करता है, जिस कारण हाई ब्लड प्रेशर कम होता है तथा हृदय संबंधी बीमारी का खतरा भी कम रहता है.
नींबू की गिनती खट्टे फलों की श्रेणी में की जाती है जिनमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ स्कर्वी रोग की रोकथाम के इलाज में भी मदद करता है.
मात्रा:
प्रति 100 ग्राम नींबू में 102 मिलीग्राम पोटैशियम, 6 मिलीग्राम मैग्नीशियम और 2 मिलीग्राम सोडियम होता है.
सेवन:
बड़े हुए हाई बीपी को जल्दी कंट्रोल करने के लिए आधा गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़ कर 2-2 घंटे के अंतराल पर पीने से अधिक लाभ होता है.
उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) के लिए कुछ डाइट टिप्स - Some more diet tips for high blood pressure in hindi
उपरोक्त लेख के माध्यम से जाना कि हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए कौन से फल खाने चाहिए, आइए अब जानते हैं हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े कुछ डाइट टिप्स के बारे में.
1. आहार में जितना हो सके पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम खाद पदार्थ का सेवन करना चाहिए साथ ही सोडियम युक्त खाद पदार्थों से परहेज करना चाहिए.
2. नमक का प्रयोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों को खाने में कम करना चाहिए दिन भर में 1/2 चम्मच के लगभग नमक खाएं.
3. तले हुए मिर्च-मसाले, चटनी अचार, कचोरी, समोसा, पकोड़े, बैंकिंग पाउडर, चाय या कॉफी, अधिक चीनी, एनर्जी ड्रिंक्स, चिप्स, बिस्कुट, भुजिया और पेस्टी से परहेज करना चाहिए.
4. दिन में कम से कम 4 से 5 लीटर पानी जरूर पियें और जहां तक हो सके मटके के पानी को प्राथमिकता दें क्योंकि इस पानी को पीते रहने से हाई ब्लड प्रेशर ठीक रहता है.
5. टमाटर का सलाद खाने से हाई ब्लड प्रेशर कम होता है इसलिए सलाद के रूप में टमाटर अवश्य खाएं.
6. अनार व अनार का जूस पीने से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में राहत मिलती है.
7. उच्च रक्तचाप में प्रतिदिन खाली पेट 1/2 किलो पपीता खाएं तथा उसके बाद 1 घंटे तक पानी ना पिए.
8. हाई ब्लड प्रेशर डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां जरूर शामिल करें जैसे कि मूली के पत्ते, शलजम के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, पालक और गोभी आदि.
9. स्वस्थ जीवन शैली जिए और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने के लिए प्रतिदिन व्यायाम और योग जरूर करें.
10. अगर वजन बहुत अधिक है या आप मोटापे का शिकार हैं तो आप अपने वजन को कम जरूर करें क्योंकि अधिक मोटापा उच्च रक्तचाप होने की आशंका को कई गुना बढ़ा देता है.
निष्कर्ष – Conclusion in hindi
हाई ब्लड प्रेशर एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है जिसके लंबे समय तक रहने से हृदय संबंधी बीमारियों के बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है.
इसलिए उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करने या नियंत्रित रखने के लिए स्वस्थ जीवन शैली जिए, पोटेशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम युक्त फलों का सेवन करें और आहार में सोडियम की मात्रा बहुत ही कम ले.
इस लेख में हाई बीपी होने पर कौन से फल खाने चाहिए और कुछ हाई बीपी डाइट टिप्स के सुझावों के बारे में जाना है.
इन सुझावों को अमल में लाने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य लें और हमेशा बीमारियों के प्रति जागरूक रहें, क्योंकि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है.
पूछे जाने वाले प्रश्न - FAQ
Q. हाई ब्लड प्रेशर में कौन से फल खाने चाहिए?
A. हाई बीपी की शिकायत होने पर डाइट में कीवी, पपीता, नींबू, स्टोबेरी, संतरा, सीताफल, खुबानी, केला और तरबूज को खा सकते हैं.
Q. उच्च रक्तचाप को तुरंत कंट्रोल करने के लिए क्या खाना चाहिए?
A. हाई बीपी की शिकायत होने पर इसे तुरंत कंट्रोल करने के लिए पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें एवं आहार में सोडियम युक्त खाद पदार्थों से परहेज करें, प्रतिदिन व्यायाम करें अधिक जानकारी के लिए लेख को पढ़ें.
Q. हाई ब्लड प्रेशर बढ़ने के क्या कारण होते हैं?
A. हाई ब्लड प्रेशर बढ़ने के निम्न कारण हो सकते हैं जैसे कि अव्यवहारिक जीवन शैली, व्यायाम की कमी, मानसिक और शारीरिक तनाव, धूम्रपान और अल्कोहल का अधिक सेवन, मिर्च-मसाले, तेल, नमक, शक्कर व मीठे पदार्थों का अधिक सेवन, मोटापे की समस्या, थायराइड की बीमारी और किडनी संबंधी बीमारी आदि.
Q. हाई ब्लड प्रेशर होने पर दिन भर में कितना नमक खाना चाहिए?
A. हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होने पर आप दिन भर में करीब आधा चम्मच के लगभग नमक खाएं. बैंकिंग पाउडर, चिप्स, भुजिया, अचार, चटनी, समोसे ना खाएं क्योंकि इनमें नमक की मात्रा अधिक होती है.
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