जानिए बेल फल के फायदे और नुकसान. |
जब बात बेल फल की आती है तो सबसे पहले जो बात दिमाग में आती है वो है इसका जूस, क्योंकि गर्मियों के दिनों में बेल का जूस स्वस्थ सेहत के लिए किसी रामबाण औषधि से कम नहीं.
दरअसल गर्मियों का मौसम आते ही लू लगना, जी मचलाना, सिर दर्द, शरीर की गर्मी का बढ़ना और पेचिश जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है.
ऐसे में गर्मी में आने वाला बेल फल इन समस्याओं को कम करने में बहुत कारगर साबित होता है. बेल फल का अधिकतर जूस या शरबत के रूप में सेवन किया जाता है और सामान्य रूप से इसे खाया भी जा सकता है.
बेल स्वास्थ्य के लिए इतना सेहतमंद होता है कि इसे आयुर्वेद में औषधि का दर्जा दिया गया है, जो पाचन संबंधी समस्याओं को कम करने में अहम भूमिका निभाता है.
आज भी शरीर के कई विकारों को दूर करने के लिए बेल को जड़ी-बूटी के रूप में आयुर्वेदिक दवाइयां और चूर्ण में उपयोग किया जाता है.
हिंदू धर्म में बेल को पवित्र पौधा माना जाता है इसलिए भगवान शिव और पार्वती जी की पूजा में इसके पतों का इस्तेमाल किया जाता है.
बेल खाने के फायदे व नुकसान जानने से पहले बेल फल कैसा होता है जान लेते है.
बेल फल क्या है? - what is bael fruit in hindi
बेल एक प्रकार का फल होता है जो कच्चे होने पर हरे रंग का और पकने पर इसकी सतह पीले रंग की हो जाती है.
इस फल का हर एक हिस्सा खाने योग्य होता है, बाहर से जितना कठोर होता है उतना ही अंदर से गूदेदार और रस भरा होता है.
इसके गूदे में मांरशेलीनिस एवं बीजों में पेले रंग का तेल होता है जो पेट साफ करने का कार्य करता है. बेल की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसके जूस का उपयोग गर्मियों में बड़े पैमाने पर किया जाता है.
इसे अंग्रेजी भाषा में बेल ट्री, बेल फ्रूट, इंडियन बेल, हिंदी में बेल, श्रीफल और उर्दू में बेल कहा जाता है.
चलिए जान लेते हैं बेल खाने के फायदे.
बेल के फायदे - Benefits of Bael in hindi
बेल फल के फायदे एक नहीं अनेक हैं, तो इस लेख के माध्यम से जानिये कि इसके सेवन से शरीर को कौन-कौन से स्वास्थ्य लाभ मिल सकते है.
1. पाचन क्रिया को बनाए बेहतर (make digestion better)
जो लोग अपच की समस्या या पाचन संबंधी किसी भी परेशानी से जूझ रहे होते हैं उनके लिए बेल का इस्तेमाल बहुत ही फायदेमंद होता है. दरअसल इसमें फेरोनिया नामक तत्व होता है जो डायरिया के उपचार में उपयोग होता है.
बेल के जूस के नियमित सेवन से ना केवल पाचन संबंधी समस्या को कम किया जा सकता है बल्कि बवासीर और कब्ज की समस्या में भी इसके फायदे देखे गए हैं.
बेल फल के अंदर मौजूद फाइबर तत्व आंतों को साफ करके आसानी से मल त्यागने में मदद करता हैं.
उपयोग:
पके हुए बेल फल का सेवन पाचन शक्ति को ठीक करता है.
2. करे रक्त को साफ (clean the blood)
अगर हमेशा स्वस्थ रहना है तो खून का शुद्धिकरण करना बेहद आवश्यक है. दरअसल गलत जीवनशैली की वजह से खून में टॉक्सिन जमा हो जाते हैं जिन्हें शरीर से बाहर निकालना जरूरी होता है.
शरीर का पूरा सिस्टम साफ़- सुथरे खून पर ही निर्भर करता है क्योंकि शरीर के सभी अंगो तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की प्राप्ति खून के माध्यम से ही होती है.
जब खून में अधिक मात्रा में हानिकारक तत्व जमा हो जाते हैं तो इससे स्कर्वी रोग होने का खतरा भी बढ़ सकता है.
ऐसे में बेल फल के अंदर कई ऐसे गुण होते हैं जो खून को साफ करने और संक्रमण की वजह से होने वाले रोगों से बचाव को कम करने में मदद करते हैं.
उपयोग:
खून के शुद्धिकरण के लिए आप बेल के गूदे को निकाल कर खा सकते हैं या 50 ग्राम बेल के जूस में पानी एवं शक्कर की मिठास मिलाकर पी सकते हैं.
3. गर्मी में लू से करें बचाव (protect from heatstroke in summer)
जब शरीर हीटस्ट्रोक की चपेट में आ जाता है तब मुंह सूखना, तेज बुखार, उल्टी, जी घबराना, सिर दर्द, कमजोरी और हाथ-पैरों से गर्माहट निकलना जैसे लक्षण महसूस होने लगते हैं.
इसलिए लू से बचाव के लिए आप बेल फल का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है जो शरीर को अंदर से ठंडक पहुंचाता है साथ ही शरीर के तापमान को नियंत्रित रखता है.
उपयोग:
धूप में निकलने से पहले आप आधा गिलास बेल का जूस दिन में 1-2 बार सेवन कर सकते हैं.
4. लीवर की करें सुरक्षा (protect the liver)
लीवर मानव शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है, जो शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है, क्योंकि यह रक्त से सभी प्रकार के विषैले पदार्थों को बाहर निकालने के लिए जिम्मेदार माना जाता है.
लेकिन आजकल की गलत जीवनशैली की वजह से लीवर पर हानिकारक विषैले पदार्थ जमा होने लगते हैं जिससे लीवर संबंधित समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं. ऐसे में आप दैनिक दिनचर्या में बेल फल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
कई रिसर्चओं से यह ज्ञात हुआ है कि बेल में एंटीफंगल, एंटीमाइक्रोबियल्स और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो किसी भी बाहरी संक्रमण से बचने के लिए लीवर को सुरक्षा प्रदान करते हैं.
उपयोग:
लीवर की सुरक्षा के लिए ताजे बेल के गूदे को निकालकर रात भर पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इसे खाएं.
5. कान दर्द एवं सिर दर्द में उपयोगी (Useful in ear pain and headache)
जब सिर एवं कान का दर्द चरम सीमा पर होता हैं, तो इसका दर्द असहनीय हो जाता है और इसके कुछ घातक परिणाम भी देखे जा सकते हैं.
आयुर्वेद में भी कान एवं सिर दर्द की समस्या को कम करने के लिए बेल फल का उपयोग किया जाता रहा है. कान बहने और बहरेपन की समस्या को कम करने के लिए बेल के फल के सेवन से आराम मिलता है.
बेल में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी होता है जो माइग्रेन की परेशानी को कम करने में मदद करता है.
उपयोग:
बेल के रस में एक कपड़े को अच्छी तरह से भिगो कर उसकी पट्टी सिर पर रखने से सिर दर्द ठीक हो सकता है और कान दर्द या बहरेपन के लिए बेल के पके हुए बीजों का तेल निकालकर बूंद-बूंद कान में डालने से आराम मिलता है.
6. बवासीर के उपचार में (treatment of hemorrhoids)
बवासीर की समस्या होने पर मलाशय के आसपास वाली नसों में सूजन आ जाती है जिस कारण मॉल त्यागने में असहनीय दर्द सहना पड़ता है.
बवासीर के इलाज में आप बेल फल को भी इस्तेमाल कर सकते हैं. बेल में लैक्सेटिव क्षमताएं होती है जो आंतों को ठीक तरह से साफ करती हैं.
पेट की किसी भी प्रकार की समस्या को कम करने के लिए बेल के जूस या इसके शरबत का नियमित रूप से सेवन करना चहिये.
उपयोग:
दो चम्मच बेल के गूदे को आधा गिलास पानी में मिलाकर जूस बना लें और दिन में दो बार इसका सेवन करें.
7. करे ऊर्जा के स्तर में वृद्धि (increase energy level)
दरअसल कई अध्ययनों से यह ज्ञात हुआ है कि बेल फल में कैलोरी, विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स और कई प्रकार के खनिज तत्व मौजूद होते हैं जो शरीर के ऊर्जा स्तर में वृद्धि के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं.
इसके अलावा बेल के इस्तेमाल से शरीर की इम्यूनिटी पावर मजबूत होती है साथ ही शरीर फुर्तीला महसूस करता है.
प्रति 100 ग्राम बेल फल में 1.8 ग्राम प्रोटीन होता है जो मांसपेशियों के रख-रखाव और इनके विकास में मदद करता है.
उपयोग:
सुखाए हुए पके फलों के गूदे के बारीक चूर्ण को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से कमजोरी दूर होती है और शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है.
8. स्वस्थ आंखों के लिए (for healthy eyes)
आंखों की स्वस्थ दृष्टि के लिए विटामिन ए की आवश्यकता होती है जो बेल में मौजूद होता है इस आधार पर कह सकते हैं की बेल फल आंखों के लिए भी उपयोगी है.
उपयोग:
10 ग्राम बेल के पत्ते, 6 ग्राम गाय का घी और 1 ग्राम कपूर को तांबे की कटोरी में इतना मिलाये की काला सुरमा बन जाए इस सुरमे को आंखों में लगाने से आराम मिलता है.
9. डायरिया और पेचिश की स्थिति में (in diarrhea and dysentery)
दस्त लगने पर शरीर का सारा पानी निकल जाता है जिसकी वजह से शरीर में बहुत कमजोरी महसूस होने लगती है और मरीज बिस्तर पकड़ लेता है.
ऐसे में बेल का सेवन करने से डायरिया और पेचिश में जल्दी आराम मिल सकता है. बेल में मौजूद टैनिन, पेक्टिन और एंटीडायरिया गुण पतले दस्त के जोखिम से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं.
अगर आप गंभीर रूप से डायरिया से पीड़ित हैं तो ऐसे में डॉक्टर की सलाह अवश्य लें.
उपयोग:
आधा चम्मच बेलगिरी के चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करने से फायदा मिलता है.
10. मधुमेह में फायदेमंद (beneficial for diabetes)
दरअसल जब शरीर इंसुलिन का उपयोग पूरी तरीके से नहीं कर पाता है तो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है जो कि डायबिटीज का मुख्य कारण बनता है.
अगर बेल फल की बात करें तो इसमें एंटी-डायबिटिक और फेरोनिया तत्व होता है जो शरीर में शुगर को नियंत्रित करने का काम करता है.
उपयोग:
रोजाना सुबह 10 मिलीलीटर बेल के पत्तों के रस का सेवन डायबिटीज के रोगियों के लिए हितकारी होता है.
11. त्वचा के लिए (Skin)
दरअसल बेल फल एक जड़ी बूटी की तरह होती है अगर चिकित्सीय रूप में बात की जाए तो इसमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन तत्व त्वचा पर होने वाले इन्फेक्शन को कम करने में मदद करते हैं.
इसके अलावा बेल फल के गूदे में सोरलिन तत्व होता है जो धूप की गरम किरणों से त्वचा की रक्षा करता है.
उपयोग:
बेल फल का रस त्वचा पर लगाने से हर तरह के संक्रमण की समस्या को दूर किया जा सकता है या बेलपत्र के रस को जीरा के साथ मिलाकर पीने से त्वचा के दाग धब्बे भी दूर होते हैं.
12. सूजन में दे राहत (Give relief in swelling)
चोट लगने या किसी प्रकार की मोच आने से शरीर पर सूजन आ जाती है, इस सूजन को कम करने के लिए आप बेल फल का भी उपयोग कर सकते हैं.
बेल फल में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने का काम करते हैं.
उपयोग:
बेल के पत्ते के रस को गर्म कर सूजन वाली जगह पर लेप करने से लाभ मिलता है.
13. बालो के लिए (Hair)
बालों में होने वाली रूसी से बचने के लिए भी बेल फल का उपयोग बेहद लाभदायक होता है.
उपयोग:
बेल के पके हुए फल में तिल का तेल और कपूर मिलाकर सिर से मालिश करने से सिर की रूसी को खत्म किया जा सकता है.
बेल के फायदों के बारे में तो हम जान चुके हैं, आइए अब इसके सेवन का तरीका और इसकी तासीर के बारे में जान लेते हैं.
बेल का उपयोग कैसे करें? - how to use bell in hindi
अब सवाल यह है की बेल फल के सेवन का तरीका क्या होता है, कैसे हम इसका उपयोग कर सकते हैं.
1. आमतौर पर बेल के जूस का या इसके शरबत का इस्तेमाल गर्मियों में सबसे अधिक किया जाता है.
2. बेल के गूदे में से बीज को निकालकर इसे खा सकते हैं.
3. बहुत से लोग बेल का मुरब्बा बनाकर भी सेवन करते हैं.
4. बेल फल का सेवन करने के लिए आप इसे सुखाकर चूर्ण बनाकर कर सकते हैं जिसे बेलगिरी चूर्ण भी कहते हैं.
5. बेल की पत्तियों का रस भी बहुत गुणकारी होता है जो कई बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है.
6. कच्चा बेल का स्वाद खट्टा होता है जिसकी आप चटनी बनाकर भी खा सकते हैं.
7. बेल का अचार खाने में स्वादिष्ट होता है जिसे आप आहार के साथ उपयोग कर सकते हैं.
कब खाएं:
बेल को दिन भर में किसी भी समय खा सकते हैं. बेल फल की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसका उपयोग दोपहर में खाना खाने के बाद करें तो यह फायदेमंद होता है.
बेल की तासीर – Bael ki taseer in hindi
किसी भी खाद पदार्थ का सेवन करने से पहले उसकी तासीर के बारे में जान लेना जरूरी है क्योंकि यह शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव भी डाल सकता है.
अगर बेल फल की तासीर के बारे में बात करें तो इसकी तासीर ठंडी होती है जिसका उपयोग गर्मियों के मौसम में किया जाता है.
इसकी तासीर ठंडी होने के कारण यह शरीर को अंदर से ठंडा रखने में मदद करता है, जिससे शरीर के तापमान को कम करने में मदद मिलती है.
बेल फल के नुकसान - Side effects of bael in hindi
किसी भी खाद पदार्थ के सेवन से फायदा भी होता है और कुछ नुकसान भी, तो आइए जानते हैं बेल खाने से क्या नुकसान हो सकते हैं?
➭ बेल की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसका सेवन ठंडो में कम करना चाहिए.
➭ बेल खाते समय इसके गूदे से बीज निकाल दें अन्यथा इसके बीज गले में फंस सकते हैं.
➭ बेल में शुगर की मात्रा पाई जाती है इसलिए शुगर से पीड़ित मरीजों को इसका सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए.
➭ बेल के अधिक पत्ते खाने से भी सेहत को नुकसान हो सकता है.
➭ जो लोग थायराइड के मरीज होते हैं उन्हें भी बेल के सेवन से परहेज करना चाहिए या इसके सेवन से पहले चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए.
➭ बेल का अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट की समस्याएं भी हो सकती हैं.
सारांश – Summary
इस लेख के माध्यम से जाना कि बेल फल खाने के फायदे और नुकसान, बेल फल की तासीर एवं इसके उपयोगों के बारे में.
बेल एक तरह की प्राकृतिक औषधि है जिसकी तासीर ठंडी होती है जो गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने का काम करता है. इसलिए गर्मियों के मौसम में बेल के जूस या शरबत का दिनभर में एक से दो बार सेवन जरूर करें.
आशा करते हैं कि यह जानकारी आपके काम आए.
पूछे जाने वाले प्रश्न - FAQ
Q. बेल फल खाने के क्या फायदे होते हैं?
A. बेल फल खाने से कई प्रकार की गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है जैसे कि पाचन के लिए, खून को साफ करना, लू से बचाव, लीवर की सुरक्षा, बवासीर में उपयोगी, स्वस्थ आंखों व त्वचा के लिए, डायरिया से बचाव एवं सूजन से दे राहत आदि.
Q. बेल फल दिन में कितनी बार खा सकते हैं?
A. बेल फल दिन में दो बार खा सकते हैं या इसके जूस का सेवन कर सकते हैं, दोपहर के समय बेल फल खाना लाभदायक होता है.
Q. बेल की तासीर कैसी होती है?
A. बेल की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसका सेवन गर्मियों में अधिक और ठंडो में कम करना चाहिए.
Q. बेल फल खाने का सबसे बड़ा फायदा क्या है?
A. बेल फल या इसका जूस पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और शरीर को ठंडा रखने का काम करता है.
Q. क्या बेल फल गर्मियों में लू से बचाव कर सकता है?
A. जी हां, बेल फल की तासीर ठंडी होती है जो शरीर को ठंडा रखता है, धूप में निकलने से पहले अगर आप बेल के जूस का सेवन करते हैं, तो यह लू से बचाव करने में भी लाभदायक है.
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