गिलोय जूस के 12 फायदे और नुकसान | Benefits and side effects of Giloy juice in hindi

गिलोय औषधि के रूप मे 100 मर्जों की दवा है. गिलोय जूस के फायदे और नुकसान,गिलोय के उपयोग,तासीर,सेवन विधि,गिलोय का काढ़ा कैसे बनाएं, गिलोय के औषधीय गुण.
गिलोय जूस के 12 फायदे और नुकसान

प्रकृति ने हमें ऐसी कई जड़ी बूटियां (herbs) दवाइयों के रूप में प्रदान की है जिनका उपयोग कई वर्षों से आयुर्वेदिक चिकित्सक, वैद और ऋषि मुनि कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के इलाज में करते आ रहे हैं.

आज हम ऐसी ही प्राकृतिक औषधि गिलोय (Tinospora cordifolia) के बारे में बात करेंगे.

आयुर्वेदिक ग्रंथों में गिलोय को एक महान औषधि का दर्जा दिया गया है, इसलिए इसे अमृता की जड़ी-बूटी भी कहा जाता है.

वैसे तो गिलोय के बारे में सभी जानते हैं लेकिन गिलोय का सेवन करने से पहले गिलोय के फायदे और उपयोग, गिलोय की तासीर, गिलोय की सेवन विधि और गिलोय जूस के फायदे और नुकसान जान लेना चाहिए.

गिलोय की प्रकृति (गिलोय के गुण) औषधीय होने से यह कई तरह के इलाज में प्रभावशाली होती है जैसे की भूख बढ़ाती है, आंखों के लाभप्रद, डायबिटीज, पीलिया, बवासीर, सूखी-खांसी, वात पित्त, कफ, उल्टी, बुखार, प्रतिरोधक क्षमता, पाचन शक्ति बढ़ाएं और गठिया की समस्या में आदि.

गिलोय क्या है | What is Giloy in hindi

गिलोय जड़ी-बूटी के रूप में सदियों से विभिन्न बीमारियों के इलाज में दवा के रूप में उपयोग की जा रही है. आज भी बाजार में उपलब्ध कई तरह के होम्योपैथी, आयुर्वेदिक दवाइयों, चूर्ण और सिरप आदि में गिलोय का उपयोग जरूर किया जाता है.

इससे समझ सकते हैं कि गिलोय का पौधा एक शक्तिशाली जड़ी बूटी के रूप में कितना महत्वपूर्ण है?

  ▪ गिलोय एक बड़ी लता के रूप में जंगलों, खेतों, पहाड़ों की चट्टानों, बाग बगीचे में किसी भी वृक्ष के ऊपर कुंडलाकार चढ़ी पाई जाती है.

  ▪ कहते हैं की गिलोय की लता जिस वृक्ष के ऊपर चढ़ती है उस वृक्ष के गुण भी गिलोय में समा जाते हैं.

  ▪ नीम के वृक्ष के पेड़ पर चढ़ी हुई गिलोय सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है क्योंकि नीम का वृक्ष भी अपने आप में औषधीय वृक्ष होता है. इस प्रकार की गिलोय को नीम गिलोय कहते हैं.

  ▪ आयुर्वेद में गिलोय को कई नामों से जाना जाता है जैसे कि अमृता, गुडूची और छिन्नरुहा.

  ▪ गिलोय की लता का तना देखने में रस्सी जैसा लगता है तथा इसमें पीले और हरे रंग के फूलों के गुच्छे लगते हैं.

  ▪ इसके पत्ते हृदय या पान के आकार के एवं स्वाद में कड़वे और तीखे होते हैं तथा फल मटर के दाने जैसे होते हैं.

   ▪ गिलोय का वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया (Tinospora cordifolia) है.

गिलोय के आयुर्वेदिक गुण | Ayurvedic properties of giloy in hindi

गिलोय के अंदर कई औषधीय गुण या विटामिन पाए जाते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी तत्व होते हैं, इसलिए गिलोय को एक अद्भुत जड़ी -बूटी के रूप में जाना जाता है.

गिलोय के अंदर एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीएलर्जी, एंटीऑक्सीडेंट, एल्कलॉइड, एंटीबायोटिक, एंटीवायरस, ट्रैनिन, पॉलिफिनॉल्स, ग्लाइकोसाइड, फ्लैवोनॉइड, सैपोनिस, कैमूरिन्स और अल्कलॉइड्स जैसे जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं.

अन्य भाषाओं में गिलोय के नाम – Giloy name in other languages

भाषा (Language) नाम (Name)
हिंदी (Hindi) अमृता (Amrita), गिलोय (Giloy), गुडुची (Gaduchi)
गुजराती (Gujarati) गुलवेल (gulavel), गालो (gaalo)
अंग्रेजी (English) इंडियन टीनोस्पोरा (Indian Tinospora), टीनोस्पोरा (Tinospora), मून सीड (Moon Seed)
तमिल (Tamil) अमृदवल्ली (Amridavalli)
संस्कृत ( Sanskrit) वत्सादनि (Vatsadani), गुडुची (Gaduchi), अमृता (Amrita), मधुपर्णी (Madhuparni), अमृत लता (Amrit lata)
बंगाली (Bengali) गुंचा (Gulancha), गिलोय (giloy)
नेपाली (Nepali) गुर्जो (Gurjo)
मराठी (Marathi) गुलवेल (Gulavel), अम्बरवेल (Ambarvel)
पंजाबी (Punjabi) गरहम (Garham), पालो (Palo)
गोवा (Goa) अमृतवेल (amrtavel)

गिलोय जूस के फायदे और उपयोग | Benefits and uses of Giloy juice in hindi

गिलोय एक औषधीय प्रकृति की जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग स्वास्थ्य से संबंधित कई बीमारियों के इलाज में कारगर साबित होता है.

गिलोय का सेवन करने की कई विधि होती है जैसे कि गिलोय का काढ़ा बनाकर, जूस, पाउडर, गिलोय वटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. आइए जानते हैं गिलोय के फायदे और नुकसान.

1. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में गिलोय जूस के फायदे (Increase immunity)

किसी भी प्रकार के बाहरी संक्रमण या वायरस से बचने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का मजबूत होना बेहद जरूरी है. यदि शरीर की इम्युनिटी पावर मजबूत होगी तो किसी भी वायरस के संक्रमण की चपेट में आने से बच सकते हैं.

आयुर्वेद में बहुत सी ऐसी जड़ी-बूटियां आती है जो प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए उपयोगी होती हैं जैसे की गिलोय.

गिलोय की पत्तियों में कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस और एंटीऑक्सीडेंट तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते है जो शरीर को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए उत्तरदायी होते हैं.

गिलोय के जूस का सेवन करने से शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं और श्वेत रक्त कोशिकाएं मजबूत हो जाती है जिस कारण शरीर की बाहरी रोगो से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है इसलिए गिलोय के जूस को इम्यूनिटी बूस्टर ड्रिंक भी कहा जाता है.

सेवन विधि - गिलोय जूस या सत्व का नियमित सेवन करना चाहिए, सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें.

2. पाचन शक्ति बढ़ाएं (Increase digestion)

आजकल 100 में से 80% लोग पेट की समस्याओं से जूझ रहे हैं क्योंकि आज के समय की जीवनशैली इतनी व्यस्त हो गई है कि लोग अपने खाने पीने पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिस कारण उन्हें पाचन संबंधी बीमारियां होने लगती है जैसे कि अपच, कब्ज, गैस, पेट में दर्द और मरोड़ आदि.

पाचन संबंधी किसी भी समस्या को दूर करने के लिए गिलोय एक सर्वश्रेष्ठ औषधि साबित हुई है, इसलिए बाजार में आने वाली विभिन्न प्रकार की दवाइयों और सिरप में गिलोय का इस्तेमाल जरूर होता है क्योंकि गिलोय रसायन के रूप में पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है.

सेवन विधि - गिलोय के रस या गिलोय के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से पेट से संबंधित सभी रोग ठीक हो जाते हैं. गिलोय और शतावरी को साथ पीसकर एक गिलास पानी में मिलाकर पकाएं जब यह पानी आधा रह जाए तो इसे काढ़े के रूप में सुबह शाम पिये इससे गिलोय जूस के लाभ मिलते हैं.

3. गिलोय जूस के फायदे आंखों के लिए (for eyes)

शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग आंखें होती हैं क्योंकि आंखों के बिना दुनिया की कल्पना करना मुश्किल है. गिलोय आंखों के कई रोगो से राहत दिलाने में लाभदायक है.

गिलोय के अंदर कई तरह के रसायन तत्व पाए जाते हैं जो आंखों की रोशनी बढ़ाने मे मदद करते हैं.

सेवन विधि - (a) गिलोय का रस आंवले के रस के साथ मिलाकर लेना चाहिए. (b) गिलोय के रस में त्रिफला को मिलाकर काढ़ा बना ले इस काढ़े में पीपल का चूर्ण और शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से आंखों का धुंधलापन दूर होता है.

4. जवां बने रहने में (Stay young)

आज के समय में हर व्यक्ति जवान दिखना चाहता है चाहे वह पुरुष या महिला. हर कोई अपनी बढ़ती हुई उम्र को कम करने के लिए बाजार में उपलब्ध कई तरह के प्रोडक्ट, दवाइयों और सिरप आदि का सेवन करते हैं.

लेकिन प्रकृति ने इतनी गुणकारी औषधियां प्रदान की हैं जिनका इस्तेमाल हम नहीं करते हैं.

यहां हम गिलोय की बात कर रहे हैं जिसके अंदर विभिन्न रसायनिक और एंटी-एजिंग तत्व मौजूद होते हैं जो आपकी बढ़ती हुई उम्र को कम करने में मदद करते हैं.

सेवन विधि - स्वस्थ त्वचा पाने के लिए गिलोय के रस का उपयोग चिकित्सक की सलाह लेने के बाद करें.

5. डायबिटीज में गिलोय के फायदे (Benefits of Giloy in diabetes)

गलत जीवनशैली की वजह से आज हर व्यक्ति डायबिटीज जैसी बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं. रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार साल 2030 तक दुनिया में डायबिटीज सातवीं सबसे घातक बीमारी बन जाएगी.

जब खून में ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाती है तो इस स्थिति को डायबिटीज की संज्ञा दी जाती है. ऐसी घातक बीमारी के इलाज में गिलोय के औषधीय उपयोग लाभदायक होते है.

गिलोय के अंदर एंटीडायबिटिक और एंटी हाइपोग्लाइसीमिया प्रभाव पाया जाता है जो शरीर में प्राकृतिक तौर पर इंसुलिन का उत्पादन करके शुगर की मात्रा को नियंत्रण करते हैं.

आमतौर पर डायबिटीज के मरीजों को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले भोजन करने की सलाह दी जाती है जैसे कि पपीता, सेब, संतरा, अंगूर, अनार, ब्रोकोली, करेला, हल्दी, नींबू, मेथी और गिलोय आदि.

सेवन विधि - आयुर्वेद के अनुसार गिलोय का काढ़ा, पाउडर और गिलोय के रस का सेवन किया जा सकता है.

6. थायराइड में गिलोय जूस के फायदे (Benefits of Giloy juice in thyroid)

थायराइड शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथियों में से एक है जो गले में कार्टिलेज के ठीक नीचे होती है. यह शरीर के अंदर मेटाबॉलिज्म के स्तर को नियंत्रण करती है और इसके लिए हारमोंस बनाती है. जब यह हारमोंस ज्यादा या कम बनने लगते हैं तो परेशानी बढ़ जाती है.

थायराइड की संभावना पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होती है. गिलोय के लाभ इतने होते हैं कि यह कई गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोग होती है.

सेवन विधि - थायराइड में गिलोय के जूस का सेवन करना फायदेमंद होता है लेकिन उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


गिलोय जूस के 12 फायदे और नुकसान
गिलोय जूस के 12 उपयोगी फायदे.

7. डेंगू बुखार में गिलोय जूस के फायदे (Benefits of Giloy Juice in Dengue Fever)

आयुर्वेद में गिलोय को 100 मर्ज की दवा कहा गया है किसी प्रकार के ज्वर यानी की बुखार में गिलोय जूस के उपयोग लाभकारी साबित हुए है. डेंगू बुखार से शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगती है जिस कारण यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है.

डेंगू बुखार में गिलोय के औषधीय उपयोग (गिलोय के फायदे ) एक बेजोड़ दवाई के रूप में किया जाता है. गिलोय के सेवन से शरीर में रक्त ले जाने वाली वाहिकाएं यानी कि रक्त प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मदद मिलती है.

गिलोय जूस के अंदर एंटीपायरेटिक, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीइन्फ्लेमेटरी, फास्फोरस, कैल्शियम, ग्लूकोसाइड जैसे  मिनरल्स पाए जाते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर किसी भी प्रकार के बुखार के इलाज में मदद करते हैं.

सेवन विधि - 2-3 चम्मच गिलोय जूस को एक कप पानी में मिलाकर दिन में दो बार खाना खाने से पहले लेना चाहिए. इससे डेंगू बुखार में जल्दी आराम मिलता है.

8. रखे तनाव से दूर (Away from stress)

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और काम का प्रेशर इतना रहता है कि पता नहीं चलता कब तनाव हम पर हावी हो जाता है. जो व्यक्ति तनाव से ग्रसित होता है उसका मन न तो किसी काम में और ना ही सोचने समझने में लगता है.

जो व्यक्ति तनाव में रहता है उसकी मानसिक और शारीरिक शक्ति भी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है. आयुर्वेद जड़ी बूटियों के तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली गिलोय के अनगिनत फायदे होते हैं.

गिलोय का उपयोग तनाव को कम करने में मदद कर सकता है क्योंकि इसके अंदर कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करते हैं और दिमाग को शांत रखकर तनाव से मुक्ति दिलाते हैं.

सेवन विधि  - 500 मिलीग्राम गिलोय पाउडर को शहद के साथ मिलाकर प्रतिदिन दो बार सेवन करना चाहिए.

9. पीलिया में गिलोय के फायदे (Benefits of Giloy in jaundice)

गिलोय एक ऐसी जड़ी बूटी है जो कई बीमारियों के इलाज मे काम आती है इसलिए आयुर्वेद मे गिलोय को अमृत समान माना गया है. गिलोय एक रसायन प्रकृति की जड़ी बूटी है होती है जो पीलिया जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में भी कारगर साबित हुई है.

सेवन विधि - (a) गिलोय का ताजा डंठल कूटकर रस निकालें इसे कुछ दिन तक पीने से पीलिया का पुराना रोग गायब हो जाता है. (b) गिलोय का 20-30 मिलीलीटर काढ़ा बनाकर इसमे दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन चार बार पीने से पीलिया रोग में लाभ होता है.

10. अर्थराइटिस में गिलोय जूस के फायदे (Benefits of Giloy Juice in Arthritis)

अर्थराइटिस की बीमारी या जोड़ों में दर्द होना यूरिक एसिड बढ़ने के कारण होती है. अर्थराइटिस रोग में जब शरीर में सामान्य से अधिक यूरिक एसिड बनने लगता है तो जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल्स जमा होने लगते हैं जिससे पैरों के जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है.

कई अध्ययनों की रिपोर्टों से यह साबित हुआ है कि गिलोय के अंदर एंटीइन्फ्लेमेटरी और एंटीअर्थराइटिस और जैसे गुण मौजूद होते हैं जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में प्रभावशाली होते हैं.

सेवन विधि - गिलोय का 20 से 30 मिलीलीटर काढ़ा कुछ समय तक सेवन करना गठिया रोग में अत्यंत लाभकारी होता है.

11. बवासीर में गिलोय के फायदे (Benefits of Giloy in piles)

गलत लाइफस्टाइल, खानपान और लगातार एक जगह बैठे रहने से बवासीर और कब्ज जैसी बीमारी हो जाती हैं. बवासीर की बीमारी का इलाज यदि समय रहते ना करवाया जाए तो यह एक गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है.

बवासीर की बीमारी जितनी जल्दी ठीक कर ली जाए उतना ही अच्छा है क्योंकि इसका दर्द असहनीय होता है.

सेवन विधि - धनिया के पत्ते, गिलोय और हरण को एक साथ मात्रा में पीस लें इस मिश्रण की 20 gm मात्रा लेकर आधा लीटर पानी में मिलाएं और उबाले, पानी को उबालने के बाद थोड़े से गुड़ के साथ इसको दिन में दो बार ले.

12. अस्थमा की बीमारी में गिलोय जूस के फायदे (Benefits of Giloy Juice in Asthma Disease)

अस्थमा का रोग अत्यंत गंभीर रोग होता है, जिसकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.

अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो स्वसन तंत्र को बुरी तरह से प्रभावित करती है जिसमें रोगी को कई तरह की तकलीफों का सामना करना पड़ता है जैसे कि छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, खांसी, कफ, घरघराहट और सीने में भारीपन आदि.

अस्थमा की बीमारी के इलाज में गिलोय जूस के फायदे देखे गए हैं. कई अध्ययनों से ज्ञात हुआ है की गिलोय के सेवन से इम्यूनिटी पावर बढ़ने के साथ-साथ सांस संबंधी लक्षणों को कम करने मे भी लाभप्रद है.

सेवन विधि - अस्थमा की बीमारी में गिलोय की जड़ चबाने की सलाह दी जाती है.


गिलोय के पोषक तत्व की मात्रा – (Giloy Nutrient Value Per 100 g in hindi)

पोषक तत्व (Nutrients) मात्रा (The quantity)
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) 3.34 g
प्रोटीन (Protein) 2.30 g
कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) 0 mg
फाइबर (Dietary Fiber) 11.321 g
विटामिन (Vitamin A) 303.7 IU
विटामिन (Vitamin C) 56 mg
आयरन (Iron) 5.87 mg
कैल्शियम (Calcium) 85.25 mg
गिलोय जूस के 12 फायदे और नुकसान

गिलोय की तासीर | Giloy's Taseer in hindi

किसी भी जड़ी-बूटी या खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पहले उसकी तासीर के बारे में पता होना चाहिए. गिलोय का सेवन करने से पहले गिलोय की तासीर कैसी होती है या गिलोय की तासीर ठंडी होती है या गर्म कुछ ऐसे सवाल होते हैं जिनका जानना जरूरी होता है?

गिलोय की तासीर गर्म प्रकृति की होती है इसलिए गर्मियों में इसका उपयोग कम और सर्दियों में अधिक उपयोग करने की सलाह दी जाती है. गिलोय की तासीर गर्म होने की वजह से अधिक मात्रा में सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है.

गिलोय का काढ़ा कैसे बनाएं | How to make Giloy's Brew in hindi?

गिलोय काढ़े के फायदे कई बीमारियों के लिए रामबाण औषधि है क्योंकि इसके अंदर किसी भी वायरस या बैक्टीरिया से लड़ने की प्रबल क्षमता होती है. गिलोय के जूस या काढ़े के अंदर एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं जो आपकी इम्युनिटी बूस्ट करके संक्रमण से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं.

जब कई जड़ी-बूटियों के मिश्रण से काढ़ा तैयार किया जाता हैं तो यह कई प्रकार के रोगो को ठीक करने में उपयोगी है. आइए जानते हैं गिलोय का जूस कैसे बनाएं?

   ▪ सबसे पहले गिलोय का डंठल और पत्ती, थोड़ी से तुलसी के पत्ते, दो दालचीनी के टुकड़े, एक छोटा अदरक, एक चम्मच अजवाइन, 6-7 काली मिर्च लें.

   ▪ अदरक और काली मिर्च का चूर्ण बना लें.

   ▪ अब दो कप पानी में 10-15 मिनट के लिए गिलोय, अजवाइन, काली मिर्च, तुलसी पत्ता, अदरक, दालचीनी को डालकर उबलने दें.

   ▪ उबलने के बाद जब काढ़ा दो कप से एक कप रह जाए तो समझिए कि आपका काढ़ा तैयार है.

गिलोय का सेवन कैसे करें | How to take Giloy in hindi?

गिलोय के सेवन करने की विधि कई तरह की हो सकती है जैसे कि गिलोय के पाउडर का उपयोग, काढ़ा या जूस के रूप मे और गिलोय की गोली का भी सेवन कर सकते हैं.

आयुर्वेद के अनुसार (गिलोय की मात्रा) गिलोय के पत्तों का पाउडर 1-2 ग्राम, गिलोय के रस का उपयोग 20 मिलीलीटर तथा काढ़ा 20-30 मिलीलीटर तक करना चाहिए

गिलोय का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेना बेहतर होता है.

गिलोय के उपयोग | Uses of Giloy in hindi

गिलोय का सेवन करने से पहले गिलोय के उपयोग, गिलोय के उपयोग करने का तरीका समझ लेना चाहिए. क्योंकि कोई भी चीज तभी फायदा पहुंचाती है जब उसका सही उपयोग करें. तो आइए जानते हैं गिलोय का उपयोग कैसे करते हैं?

  1. खासकर गिलोय की लकड़ी, तने और पत्तियों का उपयोग किया जाता है.

  2. गिलोय के तने और पत्तियों को पीसकर इसे जूस के रूप में उपयोग किया जा सकता है.

  3. गिलोय का काढ़ा बनाकर दिन में दो बार उपयोग किया जा सकता है.

  4. आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेने के बाद गिलोय की टेबलेट और बाजार में उपलब्ध गिलोय का रस का भी सेवन किया जा सकता है.

  5. बाजार में बहुत सी ऐसी हर्बल टी मौजूद हैं जिनका उपयोग आप सीधे चाय के रूप में कर सकते हैं जिसमें गिलोय चाय का भी इस्तेमाल किया जाता है.

गिलोय के नुकसान | Side effects of giloy in hindi

गिलोय सदियों से उपयोग की जाने वाली एक प्राचीन जड़ी-बूटी है. अगर इसका सही मात्रा में सेवन किया जाए तो यह शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किसी दिव्य औषधि से कम नहीं.

लेकिन गिलोय की अधिकता होने के कारण इसके कुछ नुकसान भी देखे जा सकते हैं जैसे कि.

  ▪ जो लोग डायबिटीज के मरीज होते हैं उन्हें गिलोय का सेवन करने में सावधानी बरतनी चाहिए.

  ▪ गिलोय की तासीर गर्म होने के कारण अधिक मात्रा में सेवन करने से जलन, गैस और अपच जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.

  ▪ गर्भवती महिलाओं को गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए.

निष्कर्ष | The conclusion

गिलोय एक चमत्कारी जड़ी बूटी है जिसके अंदर कई औषधीय गुणों का समावेश है इन्हीं औषधीय गुणों की वजह से गिलोय का उपयोग आयुर्वेदिक समय से ही कई प्रकार के रोगो के इलाज में किया जा रहा है.

इस लेख में हमने गिलोय के जूस के फायदे और नुकसान, गिलोय का उपयोग, गिलोय की तासीर, गिलोय का काढ़ा कैसे बनाएं, गिलोय के फायदे और नुकसान तथा गिलोय के सेवन करने की विधि के बारे में जाना.

मैं आशा करता हूं कि यह जानकारी आपके काम आए और आप भी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेकर गिलोय का उपयोग जरूर करें.

पूछे जाने वाले प्रश्न | FAQ

Q. गिलोय जूस पीने के क्या फायदे हैं?

A. गिलोय जूस पीने से सेहत को कई सेहतमंद फायदे होते हैं जैसे कि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए, आंखों के लिए, पाचन शक्ति, डायबिटीज, थायराइड, डेंगू बुखार, तनाव से रहे दूर, पीलिया, अर्थराइटिस, बवासीर और अस्थमा आदि.

Q. गिलोय की तासीर कैसी होती है?

A. गिलोय की तासीर गर्म प्रकृति की होती है इसलिए इसका सेवन अधिक मात्रा में नुकसानदायक हो सकता है. 

Q. गिलोय जूस कब पीना चाहिए?

A. गिलोय जूस का सेवन दो से तीन चम्मच या 15 से 20 ml एक कप पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट लेना चाहिए.

Q. गिलोय जूस की कितनी मात्रा लेनी चाहिए?

A. गिलोय जूस की मात्रा 20 ml से अधिक नहीं होना चाहिए. गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर का परामर्श जरूर लें.

Q. गिलोय के क्या नुकसान हैं?

A. गिलोय की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है, गर्भवती महिलाओं को गिलोय का सेवन डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए, जो डायबिटीज के मरीज होते हैं उन्हें गिलोय का सेवन करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए.

स्वस्थ रहने के लिए स्वास्थ्य की देखभाल जरूर करें. Take care of health to be healthy.

धन्यवाद ..

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