हम अपने इस लेख में हींग(Asafoetida benefits) से होने वाले हैं सेहतमंद फायदों के बारे में, हींग के घरेलू उपायों के बारे में, इसके अंदर पोषक तत्वों की मात्रा और इससे होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे. वैसे तो हर कोई हींग के बारे में जानता है.
खासकर महिलाएं जो किचन के अंदर खाना बनाने के लिए हींग का तड़का अपनी सब्जी, कड़ी, दाल या ऐसा कोई व्यंजन जिसमें हींग का तड़का लगाने से उसका स्वाद और बढ़ जाता है.
वह जरूर इसका इस्तेमाल करती हैं. प्राचीन समय से हमारे आयुर्वेदिक चिकित्सक भी हींग का उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयों में और चूर्ण बनाने में एक औषधि के रूप में उपयोग करते आ रहे हैं.
हींग का उपयोग हम अपने भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए तो करते ही हैं लेकिन हींग का उपयोग बहुत सी बीमारियों में भी फायदेमंद होता है जैसे कि पेट के कीड़े, पेट में दर्द, गैस, पेट में ऐठन, अपच, कब्ज, मासिक धर्म, बहरापन, त्वचा संबंधित, कैंसर आदि.
हींग के अंदर एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, कैलशियम, फास्फोरस, आयरन, प्रोटीन, फाइबर, और कार्बोहाइड्रेट जैसे बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारी सेहत को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी होते है. आइए जानते हैं हींग से जुड़ी हुई कुछ जानकारी के बारे में.
हींग से जुड़ी हुई कुछ जानकारी – (Some information related to asafetida in hindi)
- हींग की तासीर गर्म और शुष्क मिजाज की होती है.
- हींग भारत में पंजाब तथा कश्मीर में मिलती है और बाहर के देशों में अधिकतर अफगानिस्तान, काबुल, फारस में पाई जाती है.
- हींग दो प्रकार की होती है हीरा हींग (हीरे के समान चमकदार) तथा हीगड़ा या हींग (काली जाति की).
- हींग रस में चरपरी, पचने पर कड़वी, तथा गुण में हल्की, चिकनी और तीक्ष्ण है, इसका मुख्य प्रभाव वातनाड़ी स्थान पर होता है.
- हींग एपीएसी (Apiaceae) कुल का है.
- हींग का वानस्पतिक नाम फेरूला नार्थेकस (Ferula narthex) है.
- हींग का पौधा 1.5-2.4 मीटर ऊंचा और कई वर्षों तक हरा भरा रहने वाला पौधा है.
अन्य भाषाओं में हींग के नाम - Asafoetida (Hing) name in other languages
भाषा (Language) | अर्थ (meaning) |
---|---|
Name of Asafoetida (Hing) in hindi | हींग (Hing) |
Name of Asafoetida (Hing) in urdu | हिंग (hing) |
Name of Asafoetida (Hing) in Telugu | ईंगुर (ingur), ईंगुरा (ingura) |
Name of Asafoetida (Hing) in English | असाफोएटिडा (Asafoetida) |
Name of Asafoetida (Hing) in Sanskrit | हिंगु (Hingu) , रामठ (Ramath), जतुक (Jatuk) |
Name of Asafoetida (Hing) in gujarati | हींग बाधारणी (hing badharani) |
Name of Asafoetida (Hing) in Tamil | पेरुंगायम (perungayam) |
Name of Asafoetida (Hing) in Punjabi | हिंगे (hinge), हींग (hing) |
Name of Asafoetida (Hing) in marathi | हींग (hing) |
Name of Asafoetida (Hing) in Bengali | हिंगु (Hingu) , हींग (hing) |
हींग से होने वाले गुणकारी सेहतमंद फायदे – (Healthful benefit of asafetida in hindi)
हींग जैसे हमारी सब्जियों का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाती है उसी तरह हींग को हम औषधि के रूप में भी कई बीमारियों से बचने के लिए और अपनी सेहत को स्वस्थ रखने के लिए उपयोग कर सकते हैं आइए जानते हैं कि इससे हमारी सेहत को क्या-क्या फायदे (Hing ke fayde) होते हैं विस्तार में.1- करें अपच को सही – (Correct indigestion in hindi)
अपच की समस्या को खत्म करने के लिए हींग का उपयोग सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. कई सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सक भी हींग का उपयोग खाने को पचाने के लिए और पेट की हर तरह की तकलीफ के लिए इस्तेमाल करके आ रहे हैं. हींग के अंदर एंटी-इन्फ्लेमेटरी और बहुत से ऐसे पाचक तत्व होते हैं जो हमारे खाने को आसानी से पचा देते हैं.
2- कैंसर – (cancer in hindi)
कई अध्ययनों से यह पता चला है कि हींग के अंदर कोसिनोजेनिक तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर कोशिकाओं को बनने नहीं देते हैं.
3- दांत दर्द में फायदेमंद – (Beneficial in toothache in hindi)
हींग के इस्तेमाल से मसूड़ों में खून निकलने की समस्या भी कम हो जाती है. हींग के छोटे से टुकड़े को जहां पर आपके दांतों में दर्द हो रहा है वहां टुकड़े को दांतों से दबा ले. इससे आपको दांतो के दर्द में काफी राहत मिलेगी.
4- सिर दर्द में दे राहत - (Give relief in headache in hindi)
भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपनी सेहत का उचित ध्यान नहीं रख पाते हैं जिससे हमारी सेहत को कई नुकसान होने लगते हैं. हमारा स्वास्थ्य खराब होने लगता है पर्याप्त नींद ना लेने से, ज्यादा शोरगुल, कार्य का तनाव होने से हमें सिरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्याएं होने लगती हैं.
इन्हीं समस्याओं को खत्म करने के लिए या अपने सिर दर्द को सही करने के लिए हींग बहुत ही उपयोगी होती है. हींग का उपयोग कैसे सिर दर्द के लिए करना है वह हम अपने घरेलू उपायों में बताएंगे. यदि आप दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहते हैं तो हींग एक प्राकृतिक औषधि के रूप में उपयोग कर सकते हैं और अपने सिर दर्द में राहत पा सकते हैं.
5- मासिक धर्म में फायदेमंद – (Beneficial in periods pain in hindi)
इन सब में हींग का उपयोग बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि हींग प्रोजेस्टेरोन हारमोंस के स्त्रावण को बढ़ा देता है. जिससे महिलाओं के अंदर पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द, मरोड़ और अधिक रक्तस्त्राव में राहत मिलती है.
6- श्वसन संबंधी बीमारियों में फायदेमंद – (Beneficial for respiratory diseases in hindi)
क्योंकि हमारा वातावरण और वायु इतनी प्रदूषित होती जा रही है कि जो हम सांस लेते हैं उसमें बहुत से नुकसानदायक बैक्टीरिया होते हैं जो हमारी सांस के द्वारा श्वसन तंत्र के होते हुए हमारे शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं.
श्वसन तंत्र की बीमारियां जैसे खांसी होना, सर्दी, अस्थमा इन बीमारियों में भी हींग का उपयोग बहुत फायदेमंद है. क्योंकि हींग के अंदर एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो हमें श्वसन संबंधी बीमारियों से होने वाले संक्रमण को खत्म करने के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होती है.
7- पेट के दर्द और कब्ज में दे राहत – (Pain relief and give constipation stomach in hindi)
यदि आपका पेट स्वस्थ नहीं रहेगा तो आप हमेशा मानसिक रूप से भी स्वस्थ नहीं रहेंगे. इसलिए पेट में होने वाले दर्द, अपच,ऐठन गैस की समस्या इन सब से छुटकारा पाने के लिए हींग एक बहुत ही अच्छी प्राकृतिक औषधि है जो कि पेट की हर समस्याओं के लिए बहुत फायदेमंद है.
आपने देखा भी होगा कि बाजार में बहुत से ऐसे आयुर्वेदिक चूर्ण और टेबलेट आती हैं जिनमें हींग का मिश्रण जरूर होता है इसलिए हींग पेट से संबंधित हर बीमारी के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होती है.
8- हींग पुरुषों के लिए है वरदान – (Asafoetida is a boon for men in hindi)
हींग के घरेलू उपयोग से हम पुरुषों की यौन शक्ति को बढ़ा भी सकते हैं क्योंकि हींग हमारे शरीर के प्रजनन अंग में खून की रफ्तार को बढ़ाकर उत्तेजना को बढ़ाती है.
हींग का उपयोग हम अपनी यौन शक्ति से संबंधित बीमारियों को खत्म करने के लिए तीन रूप में कर सकते हैं सूखे हुए रूप में, तड़के के रूप में, और ड्रिंक के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.
9- त्वचा के लिए फायदेमंद – (Beneficial for the skin in hindi)
हींग के अंदर एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो हमारी त्वचा के अंदर आने वाले खराब बैक्टीरिया को बाहर निकालते हैं और हमें मुहासे, रूखापन, एलर्जी इन सबसे हमारी त्वचा की देखभाल करते है.
हींग का घरेलू उपयोग करके हम अपने चेहरे की खूबसूरती को बढ़ा सकते हैं और उम्र के साथ चेहरे पर आने वाली झुर्रियां, झाइयां को भी कम कर सकते हैं.
10- कीड़े काटने पर हींग का उपयोग – (Use of asafoetida on insect bites in hindi)
11- डायबिटीज के लिए फायदेमंद – (Beneficial for diabetes in hindi)
डायबिटीज में हमें बहुत ज्यादा बार-बार प्यास लगना, पेशाब आना, लगातार भूख लगना, दृष्टि धुंधली होना, सिर दर्द ऐसे कई लक्षण दिखने लगते हैं.
हींग को हम एक प्राकृतिक औषधि के रूप में डायबिटीज की बीमारी में भी उपयोग कर सकते हैं हींग के अंदर इंसुलिन को बढ़ाने की क्षमता पाई जाती है.
जिससे यह हमारे शरीर के अंदर इन्सुलिंस को बढ़ाता है और ग्लूकोस के स्तर को कम करता है जिससे हमारी ब्लड शुगर नियंत्रण में रहती है.
हींग के गुणकारी घरेलू उपाय – (Asafetida home remedies in hindi)
हींग अपने आप में मसाला तो है ही जो हमारी सब्जी का स्वाद बढ़ाती है लेकिन हींग एक प्राकृतिक औषधि भी है जो हमारी सेहत का भी ध्यान रखती है. हींग के बहुत से ऐसे घरेलू उपाय होते हैं जिनके उपयोग से हम अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं तो आइए जानते हैं इनके बेहतरीन घरेलू उपायों के बारे में.1- हींग और सरसों के तेल को गर्म करने के बाद जब तेल हल्का सा गर्म रह जाए तो उसे एक रुई में भिगोकर कान के अंदर दो या तीन बूंद डालने से कान का दर्द में राहत मिलती है.
2- भोजन करने से पहले घी में भुनी हुई हींग एवं अदरक का एक छोटा सा टुकड़ा मक्खन के साथ ले इससे हमें भूख खुलकर लगने लगेगी.
3- हींग, छोटी हरड़, सेंधा नमक, अजवाइन बराबर मात्रा में पीस लें. 1 चम्मच प्रतिदिन 3 बार गर्म पानी के साथ ले इससे आपकी पाचन शक्ति ठीक होगी और पेट में होने वाली अपच में भी फायदा होगा.
4- थोड़ी सी हींग लेकर उसे पानी में उबाल लें, उबलने के बाद हल्के गुनगुने पानी के कुल्ले करने से दांतों का दर्द दूर हो जाता है.
5- जहर खा लेने के बाद हींग को पानी में घोलकर पिलाने से उल्टी होकर जहर का असर खत्म हो जाता है.
6- पेट में दर्द होने पर हींग की गोली (बिल्कुल छोटे आकार की) बनाकर घी के साथ खाने से पेट के दर्द में लाभ होता है. पेट दर्द होने पर हींग का लेप आप नाभि पर लगाएं इससे आपको पेट दर्द में राहत मिलेगी.
7- कमर में दर्द होने पर 1 ग्राम भुनी हुई हींग को थोड़े से गर्म पानी में मिलाकर धीरे-धीरे कमर पर लगाने से कमर का दर्द, पुरानी खांसी, जुखाम-सर्दी में लाभ होता है.
8- सौंफ के रस के साथ हींग का सेवन करने से पेशाब खुलकर आता है या पेशाब आने में कोई परेशानी नहीं होती है.
9- हिचकी आने पर थोड़ी सी ही हींग 10 ग्राम गुड़ में मिलाकर खाने से हिचकियां आना बंद हो जाती है.
10- शरीर पर दाद होने पर हींग का लेप लगाने से दाद में जल्द आराम मिलता है.
11- थोड़ी सी हींग को पानी में घोलकर माथे पर लगाने से या हींग का पानी सूंघने से हमें सिर दर्द में बहुत जल्द राहत मिलती है.
12- यदि आपका गला बैठ गया है तो आप थोड़ी सी हींग को पानी में मिलाकर गर्म करें और उस गुनगुने पानी से गरारे करें.
13- पीरियड के दौरान यदि आपको काफी दर्द हो रहा हो तो 240 मिलीग्राम हींग को पानी में घोलकर कुछ दिनों तक नियमित रूप से सेवन करने से दर्द में राहत महसूस होती है.
14- थोड़ी सी हींग को पानी में घोलने के बाद इस लेप को अब अपनी नाभि के चारों तरफ लगाएं इससे आपके पेट में होने वाली गैस, खट्टी डकार, पेट दर्द और अपच इन सब में फायदा होगा.
15- हींग को अजवाइन और ग्वारपाठा के साथ खाने से आंतों के कीड़े खत्म हो जाते हैं.
16- हींग के पानी को थोड़ी सी रूई में लगाकर बच्चों की गुदा पर लगाने से पेट के सारे कीड़े मरने लगते हैं.
17- 2 ग्राम हींग को 2 ग्राम गुड़ में मिलाकर सुबह-शाम लेने से मलेरिया के बुखार में आराम मिलता है.
18- जरा सी हींग पानी में घोलकर जले हुए स्थान पर लगाने से जलन कम होती है और फफोला नहीं पड़ता है.
19- पसलियों में दर्द होने हींग के पानी का लेप पसलियों पर लगाएं इससे आपको पसलियों के दर्द में राहत मिलेगी.
हींग के अंदर पोषक तत्वों की मात्रा – (Value of nutrients in the Asafoetida)
पोषक तत्व (Nutrients) | मात्रा (Value) |
---|---|
कैल्शियम (Calcium) | 690 mg |
फाइबर (Fiber) | 4.1 g |
कैलोरीज (Calories) | 297.1 |
टोटल फैट (Total Fat) | 1.1 g |
प्रोटीन (Protein) | 4 g |
आयरन (Iron) | 39.4 mg |
मैंगनीज (Manganese) | 1.1 mg |
फास्फोरस (Phosphorus) | 50 mg |
कॉपर (Copper) | 0.4 mg |
राइबोफ्लेविन (Riboflavin) | 0 mg |
जिंक (Zinc) | 0.8 mg |
नियासिन (Niacin) | 0.3 mg |
हींग के नुकसान – (Asafoetida Disadvantages in hindi)
हर चीज के अपने फायदे और नुकसान (Hing ke nuksan) होते हैं हींग एक प्राकृतिक औषधि के रूप में भी हम उपयोग करते हैं. लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से हमें कुछ नुकसान भी हो सकते हैं आइए जानते हैं.1- कुछ लोगों को हींग का अधिक मात्रा में सेवन करने से एलर्जी की प्रॉब्लम हो सकती है.
2- जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है उन्हें हींग का प्रयोग करने में सावधानी बरतनी चाहिए.
3- अधिक मात्रा में सेवन करने से हमें गैस, पेट की बीमारियां और पेट में जलन उत्पन्न कर सकता है.
4- अधिक मात्रा में हींग का सेवन करने से यह आपके सिर दर्द का भी कारण बन सकता है.
5- यदि पहले कभी आपको लकवा लग चुका है तो हींग का सेवन हमेशा डॉक्टर की सलाह लेकर ही करें.
6- हींग की तासीर गर्म होती है इसलिए हींग का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए.
7- हींग का अधिक मात्रा में सेवन करने से हमारे होठों पर जलन और सूजन भी आ सकती है.
हींग के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न?
Q. हींग को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?A. हींग को अंग्रेजी में Asafoetida कहते हैं.
Q. हींग खाने से हमें क्या नुकसान हो सकते हैं?
A. हींग का अधिक मात्रा में सेवन करने से हमारी सेहत को नुकसान हो सकते हैं जैसे कि एलर्जी, हाई ब्लड प्रेशर, पेट में जलन, शरीर में अधिक गर्मी पैदा करना, होठों पर जलन, सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
Q. हींग के अंदर कौन से विटामिन पाए जाते हैं?
A. हींग के अंदर कई विटामिंस या पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे कि एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, प्रोटीन, फाइबर, और कार्बोहाइड्रेट आदि.
Q. हींग की तासीर कैसी होती है?
A. हींग की तासीर गर्म और शुष्क मिजाज की होती है.
निष्कर्ष – (The conclusion in hindi)
हमने अपने इस पूरे लेख में हींग के बारे में होने वाले सेहतमंद फायदे,घरेलू उपाय, पोषक तत्वों की मात्रा, हींग के अन्य भाषाओं में नाम और इसके नुकसान के बारे में बताया है. हींग वास्तव में एक बहुत ही अच्छी प्राकृतिक औषधि है जो कि सबसे ज्यादा हमारे पेट के रोगों के लिए फायदेमंद होती है.हींग के बहुत से ऐसे घरेलू उपाय होते हैं जिनके नुस्खों से हम अपने कई बीमारियों को ठीक कर सकते हैं. हम अपने आहार में जो सब्जियां खाते हैं.
उसमें थोड़ी सी हींग की मात्रा जरूर डालनी चाहिए क्योंकि इससे हमारे खाने को पचने में आसानी होती है और हमारी सेहत को भी कई फायदे भी होते हैं.धन्यवाद
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