आंखों के लिए काली मिर्च है बेमिसाल इसके फायदे, उपाय और नुकसान | Benefits of black pepper in hindi

वैसे तो हम सब लोग रोजमर्रा की जिंदगी में रसोई के अंदर उपयोग होने वाली लौंग (Clove) के बारे में जानते ही हैं. हम सब को यह जरूर पता है की लौंग का उपयोग हम कई प्रकार के व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए करते हैं.
लेकिन शायद हमें यह नहीं पता की लौंग किसी औषधीय जड़ी बूटी से कम नहीं. यदि हम अपनी दिनचर्या में केवल 2 लौंग ही मुंह में रखकर चबाते हैं तो इससे हमारी सेहत को कई लाभ (लौंग के फायदे) होते हैं.
लौंग की ORAC (oxygen radical absorption capacity) वैल्यू 314446 है. ORAC वैल्यू का मतलब किसी भी चीज के अंदर एंटी-ऑक्सीडेंट क्षमता का मापना होता है जो कि अमेरिकी कृषि विभाग द्वारा विकसित एक पैमाना है.
आज हम अपने इस पूरे लेख में जानेंगे कि लौंग के क्या फायदे, घरेलू उपाय, उपयोग, पुरुषों के लिए लौंग के फायदे, पोषक तत्वों की मात्रा (विटामिन) और नुकसान के बारे में?
लौंग छोटे कद का सदाबहार वृक्ष होता है जिसमें छोटे-छोटे फूल लगते हैं जिन्हें सुखाकर ही हमें लौंग प्राप्त होती है. लौंग का उपयोग हम भारतीय मसालों में व्यंजनों का जायका बढ़ाने के लिए करते हैं.
प्राचीन समय से ही लौंग का उपयोग हम जड़ी-बूटी के रूप में भी करते आ रहे हैं. आज भी हम आयुर्वेदिक दवाइयों में लौंग का उपयोग देख सकते हैं.
लौंग की ORAC (oxygen radical absorption capacity) वैल्यू 10 मिलियन से भी अधिक होती है इसका मतलब कि लौंग के अंदर एक बहुत ही अच्छी मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं.
आज भी आयुर्वेदिक दवाइयों, चूर्ण, टूथपेस्ट में लौंग का उपयोग देखा जा सकता है. लौंग के अंदर एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, जैसे गुण होते हैं.
लौंग के अंदर कई तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जैसे कि पोटेशियम, सोडियम, लोहा, मैग्नीज, आयोडीन, विटामिन K और C, ओमेगा 3 फैटी एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस आदि.
लौंग कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है इसलिए हम इतने प्राचीन समय से लौंग का उपयोग करते आ रहे हैं.
हम लौंग का उपयोग चाय बनाने में, रसोई में व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने में तो करते ही हैं लेकिन यदि हम लौंग का उपयोग एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के रूप में करें तो यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होती हैं.
आइए जानते हैं लौंग के कई सेहतमंद फायदों के बारे में.
अक्सर सर्दियों में हमें बहुत जल्द सर्दी- खांसी, बुखार की शिकायत होने लगती है. सर्दी- खांसी होने पर हम लौंग का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि लौंग की तासीर गर्म होती है.
लौंग के अंदर एंट्री-एंटीवायरल और एंटी-वायरस गुण होते हैं जो हमें इन वायरस या बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं.
लौंग का सेवन सर्दी-खांसी में कैसे करना चाहिए वह हम आगे चर्चा करेंगे?
लौंग का उपयोग हम अपनी पाचन क्रिया को मजबूत करने के लिए और पेट से संबंधित कई बीमारियों को ठीक करने के लिए कर सकते हैं.
आपने देखा होगा कि पेट से संबंधित बीमारियों के लिए जो बाजार में चूर्ण उपलब्ध होते हैं उनमें लौंग का मिश्रण जरूर रहता है.
क्योंकि लौंग के अंदर कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया से संबंधित समस्याओं को दूर करने में जैसे पेट में दर्द, पेट का फूलना, मतली, डायरिया और उल्टी आदि में फायदेमंद होते हैं.
दांतों और मसूड़ों में होने वाले दर्द में राहत पाने के लिए लौंग व लौंग के तेल का इस्तेमाल प्राचीन समय से ही होता आ रहा है.
यह हम आज भी देख सकते हैं इसलिए जो हम टूथपेस्ट या मंजन का इस्तेमाल करते हैं उसमें लौंग का मिश्रण जरूर होता है, क्योंकि वह हमारे दांत एवं मसूड़ों की मजबूती के लिए फायदेमंद होती है.
लौंग के अंदर एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो हमारे दातों व मसूड़ों की देखभाल के लिए जरूरी होते हैं.
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लौंग खाने के 9 सेहतमंद फायदे | 9 healthy benefits of eating cloves |
आजकल बहुत से लोग मुंह में बदबू आने के कारण परेशान होते हैं और शर्मिंदगी महसूस करते हैं. यह बदबू हमें दांतों व मसूड़ों में होने वाली बीमारी या पेट में अपच की समस्या से होने लगती है.
ऐसे में हम केवल एक छोटी सी लौंग मुंह में रखें और उसे धीरे-धीरे चबाते रहें. इससे आपके मुंह से बदबू भी नहीं आएगी और आपके दांतों व मसूड़ों को भी आराम मिलेगा.
लौंग के अंदर एंटी-सेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो हमारे मुंह में आने वाली बदबू को खत्म करने में मदद करते हैं.
लौंग के खाने का फायदा यह भी है कि यह हमारी हड्डियों को मजबूती देता है और शरीर के हाथ व पैरों के जोड़ों में होने वाले दर्द में राहत पहुंचाता है.
जोड़ों के दर्द में हम लौंग के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं यह बहुत ही प्रभावी होता है. लौंग के अंदर एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो दर्द में राहत देते हैं.
हर 100 ग्राम लौंग के अंदर 44 mg कैल्शियम और 1.23 mg आयरन पाया जाता है.
कैल्शियम, ओमेगा- 3 फैटी एसिड और लौह तत्व जैसे विटामिंस हमारी हड्डियों को मजबूती प्रदान करते है.
जैसा कि हम जानते हैं लौंग एक दर्द निवारक औषधि है क्योंकि इसके अंदर एंटी-सेप्टिक, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी- इन्फ्लेमेटरी जैसे गुण पाए जाते हैं जो हमें तुरंत दर्द में राहत पहुंचाते हैं.
कान में होने वाले दर्द में हम लौंग के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें एक छोटे से रुई के टुकड़े को लौंग के तेल में भिगोकर कान के पास रखने से कान के दर्द में राहत मिलती है.
जब हम अपने दिनभर की दिनचर्या को खत्म करने के बाद तनाव महसूस करने लगते हैं तो इसका फर्क हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है.
तनाव हमारे दिमाग को एक तरह से जकड़ लेता है जिससे हम अपने आप में शांति महसूस नहीं कर पाते हैं और ना ही स्वस्थ.
ऐसे में हम लौंग का सेवन कर सकते हैं क्योंकि लौंग के अंदर एक यूगेनोल तत्व होता है जो मांसपेशियों को तनाव मुक्त करने में प्रभावशाली होता है.
हम सोचते होंगे कि लौंग खाने से हमारा वजन कैसे कम हो सकता है? लेकिन लौंग खाने से या इसके नियमित सेवन से हम अपने मोटापे को कम कर सकते हैं और मोटापे से होने वाली कई बीमारियों को भी खत्म कर सकते हैं.
लौंग खाने से यह हमारे शरीर के अंदर मेटाबॉलिज्म स्तर को बढ़ा देता है जिससे हमें अपने वजन को कम करने में मदद मिलती है. लेकिन वजन कम करने के लिए आप नियमित व्यायाम या योग को जरूर अपनाएं.
जब हमें सर्दियों में सर्दी- खांसी या गले में कफ का जम जाना जैसी परेशानियां होती हैं तो इन परेशानियों का निवारण करने के लिए हम लौंग का इस्तेमाल कर सकते हैं.
लौंग के अंदर एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल जैसे गुण होते हैं जो गले से संबंधित छोटी-छोटी बीमारियों में, अस्थमा और नाक को साफ करने में राहत देते है.
शुरू से ही हम बहुत से घरेलू नुस्खों के बारे में पढ़ते आ रहे हैं. कुछ रोजमर्रा की चीजों को ही हम घरेलू नुस्खों की तरह उपयोग कर सकते हैं जैसे कि हम यहां लौंग के घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं.
जुखाम – 1. लौंग का काढ़ा पीने से जुकाम ठीक हो जाता है.
2 - लौंग के तेल को रुमाल पर डालकर सूंघने से जुखाम में आराम मिलता है.
3. पान में दो लौंग डालकर खाने से जुकाम ठीक हो जाता है.
रतौंधी - एक लौंग को बकरी के दूध के साथ पीसकर सुरमे की तरह आंखों में लगाने से धीरे-धीरे रतौंधी रोग समाप्त हो जाता है.
बुखार - एक लौंग पीसकर गर्म पानी से फंकी लें इस तरह रोज 3 बार यह प्रयोग करने से बुखार दूर हो जाता है.
दांतों के रोग – 1. दांत में कीड़े लगने पर लौंग को दांत के खोखले स्थान में रखने से या लौंग का तेल लगाने से लाभ मिलता है.
2. रुई को लौंग के तेल में भिगोकर दर्द वाले दांत के नीचे रखें तथा लार को नीचे गिरने दे.
3. लौंग को आग पर भून कर दातों के गड्ढे में रखने से दातों का दर्द खत्म होता है.
4. 5 लौंग पीसकर उसमें नींबू का रस निचोड़ कर दातों पर मलने से दांतों के दर्द में लाभ होता है अथवा 5 लौंग एक गिलास पानी में उबालकर उससे रोजाना 3 बार कुल्ला करने से लाभ होता है.
सूखी या गीली खांसी - 1. सुबह शाम दो-तीन लौंग मुंह में रखकर रस चूसते रहना चाहिए.
2. लौंग और अनार के छिलकों को बराबर पीस लें फिर इसे चौथाई चम्मच भर लेकर आधे चम्मच शहद के साथ दिन में 3 बार चाटने से खांसी ठीक हो जाती है.
भूख न लगना - 1/2 ग्राम लोंग का चूर्ण 1 ग्राम शहद के साथ रोज सुबह लेना चाहिए थोड़े ही दिनों में भूख अच्छी तरह लगने लगती है.
गर्भवती स्त्री की उल्टी - गर्भवती स्त्रियों की उल्टी पर 1 ग्राम लोंग का पाउडर अनार के साथ देना चाहिए. लौंग 1 ग्राम पीसकर शहद में मिलाकर दिन में 3 बार चाटने से गर्भवती महिलाओं की उल्टी बंद हो जाती है.
पेट दर्द - लोंग के पाउडर को शहद के साथ चाटने से लाभ मिलता है पेट दर्द में लाभ मिलता है.
सिर दर्द - 1. लौंग को पीसकर इसका लेप लगाने से सिर दर्द तुरंत बंद हो जाता है.
2. 6 ग्राम लौंग को पानी में पीसकर गरम कर गाढ़ा लेप कान के पास लगाने से सिर दर्द दूर हो जाता है.
3. लौंग के तेल को सिर और माथे पर लगाएं या नाक के दोनों ओर के नथनों में डालें इससे सिर का दर्द दूर हो जाता है.
4. लगभग 5 ग्राम लौंग लेकर उसको एक कप पानी में पीसकर गर्म करें और आधा कप पानी रहने पर छानकर चीनी मिला दें. इसे सुबह-शाम 2-4 बार पिलाने से सिर का दर्द खत्म हो जाता है.
पेट की गैस - 2 लौंग पीसकर उबलते हुए आधा कप पानी में डालें फिर कुछ ठंडा होने पर पी लें. इस प्रकार रोजाना तीन बार करने से पेट की गैस में फायदा मिलता है.
नासूर - लौंग और हल्दी पीसकर लगाने से नासूर के रोगी का रोग दूर हो जाता है.
हैजा - लौंग का पानी बनाकर रोगी को देने से प्यास और उल्टी कम होती है और पेशाब भी खुलकर आता है.
पित्तज्वर - 4 लौंग पीसकर पानी में घोलकर रोगी को पिलाने से तेज ज्वर कम होता है.
टाइफाइड - इसमें लौंग का पानी पिलाना फायदेमंद है. 5 लौंग 2 किलो पानी में उबालकर आधा पानी शेष रहने पर छान लें इस पानी को रोगी को रोज बार-बार पिलाएं.
मुंह की बदबू - लौंग को मुंह में रखने से मुंह और सांस की बदबू दूर होती है.
दिल की जलन – 2-4 पीस लौंग को ठंडे पानी में पीसकर मिश्री मिलाकर पीने से दिल की जलन शांत होती है. लौंग चबाने से भी जी मचलना ठीक हो जाता है.
फेफड़ों की सूजन - लौंग का चूर्ण बनाकर 1 ग्राम की मात्रा में लेकर शहद व घी मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से खांसी और सांस से संबंधित बीमारी दूर हो जाती है.
दांत मजबूत करना - दातों में कमजोरी के कारण दांत बहुत जल्द टूटने लगते हैं. इस तरह की परेशानी में काली मिर्च 50 ग्राम और 10 ग्राम लौंग को पीसकर मंजन बना लें और इसे रोजाना मंजन करें.
पायरिया - लौंग के तेल में खस और इलायची मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम दांतों पर मलने से पायरिया ठीक होकर मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है.
दांत के कीड़े - दांतों में कीड़े लग जाने पर कीड़े हमारे दांतो को अंदर ही अंदर खोखला कर देते हैं. ऐसे में लौंग के तेल को रूई में भिगोकर उस खोखले स्थान पर रखें इससे आपके दांतों के कीड़े भी नष्ट हो जाएंगे और दर्द भी कम हो जाता है.
काली खांसी - थोड़ी सी लौंग तवे पर भूनकर कूट पीसकर बारीक चूर्ण बना लें. इस लौंग के चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से काली खांसी दूर हो जाती है.
कब्ज - लौंग 10 ग्राम, कालीमिर्च 10 ग्राम, अजवायन 10 ग्राम, लाहौरी नमक 50 ग्राम और मिश्री 50 ग्राम को पीसकर छानकर नींबू के रस में डाल दें. सूखने पर 5-5 ग्राम पानी से खाना खाने के बाद दवाई के रूप में लेने से लाभ होता है.
कमर दर्द - लौंग के तेल की मालिश करने से कमर दर्द के अलावा अन्य अंगों का दर्द भी खत्म हो जाता है. तेल की मालिश नहाने से पहले करनी चाहिए.
नाक के रोग - लौंग को गर्म पानी के साथ पीसकर माथे पर लगाने से सिर दर्द और जुखाम ठीक हो जाता है.
चक्कर आना - पहले 2 लौंग ले और इन लौंग को दो कप पानी में डालकर उबालें फिर इस पानी को ठंडा करके चक्कर आने वाले रोगी को पिलाने से चक्कर आना बंद हो जाता है.
लिंग दोष - लिंग की इंद्रियों के दोष दूर करने के लिए 20 ग्राम लौंग को 50 मिलीलीटर तिल के तेल में डालकर जलाएं ठंडा होने पर इससे लिंग की मालिश करें इससे लिंग की इंद्रियों के दोष दूर हो जाते हैं.
लिंग वृद्धि - लौंग के तेल को शहर के ऑलिव ऑयल में मिला लें फिर लिंग के अगले हिस्से को छोड़कर लिंग की मालिश करने से लिंग के आकार में वृद्धि होती है.
टॉन्सिल का बढ़ना - 1 पान का पत्ता, 2 लौंग, 1/2 चम्मच मुलेठी, 4 दाने पिपरमेंट को एक गिलास पानी में मिलाकर काढ़ा बनाकर पीना चाहिए.
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आइए आगे जानते हैं | Let's know ahead |
पोषक तत्व (Nutrients) | मात्रा (The quantity) | अनुशंसित आहार भत्ता (Recommended Dieatry Allowance - The estimated amount of a nutrient per day for good health) |
---|---|---|
ऊर्जा (Energy) | 47 Kcal | 2 % |
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) | 10.51 g | 8 % |
प्रोटीन (Protein) | 3.27 g | 6 % |
टोटल फैट (Total fat) | 0.15 g | 0.5 % |
कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) | 0 mg | 0 % |
फाइबर (Dietary Fiber) | 5.4 g | 14 % |
फोलटेस (Folates) | 68 µg | 17 % |
नियासिन (Niacin) | 1.046 mg | 6.5 % |
पैंटोथैनिक एसिड (pantothenic acid) | 0.338 mg | 7 % |
पाइरिडोक्सिन (pyridoxine) | 0.116 mg | 9 % |
राइबोफ्लेविन (Riboflavin) | 0.066 mg | 5 % |
थायमिन (Thiamin) | 0.072 mg | 6 % |
विटामिन (Vitamin A) | 13 IU | 0.5 % |
विटामिन (Vitamin C) | 11.7 mg | 20 % |
विटामिन (Vitamin E) | 0.19 mg | 1 % |
विटामिन (Vitamin k) | 14.8 µg | 12 % |
सोडियम (Sodium) | 94 mg | 6 % |
पोटेशियम (Potassium) | 370 mg | 8 % |
आयरन (Iron) | 1.28 mg | 16 % |
मैग्नीशियम (Megnesium) | 60 mg | 15 % |
मैग्नीज (Manganese) | 0.256 mg | 11 % |
जिंक (Zinc) | 0.32 mg | 21 % |
कैल्शियम (Calcium) | 44 mg | 4 % |
कॉपर (Copper) | 0.231 mg | 27 % |
जैसा कि हम ऊपर अपने लेख में पढ़ चुके हैं कि लौंग का सेवन (लौंग के फायदे) हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है लेकिन लौंग का उपयोग खासकर पुरुषों के लिए और भी फायदेमंद हो सकता है.
1. लौंग के सेवन से मुंह में आने वाली दुर्गंध खत्म हो जाती है जिससे आप किसी और से बात करते समय शर्मिंदगी महसूस नहीं करते हैं.
2. लौंग के सेवन से पुरुषों के अंदर पौरुष शक्ति (Masculine power) की बढ़ोतरी होती है.
3. लौंग के सेवन से पुरुषों के अंदर शुक्राणु की गतिशीलता बढ़ती है और शीघ्रपतन जैसी समस्याएं भी खत्म हो जाती है.
4. लौंग का सेवन पुरुषों के यौन संबंधित समस्याओं को भी खत्म करता है और यौन शक्ति (Sexual power) को भी बढ़ाता है.
5. लौंग के अंदर मौजूद आवश्यक तत्व नपुंसकता के लक्षणों को कम करने में भी सहायक होते हैं.
6. सिगरेट और तंबाकू की लत को छोड़ने के लिए लौंग का सेवन फायदेमंद होता है.
7. लोंग का उपयोग लिंग वृद्धि में और लिंग से संबंधित इंद्रियों के दोष को दूर करने में फायदेमंद होता है.
लौंग का उपयोग हम किसी भी वक्त कर सकते हैं लेकिन रात में सोते समय लौंग का सेवन करते हैं तो इससे हमें कई फायदे होते हैं.
जैसे कि पेट से संबंधित बीमारियां पेट दर्द, गैस, एसिडिटी, कब्ज जैसी समस्याएं खत्म हो जाती हैं.
लौंग अपने आप में ही एक पूर्ण औषधि है जिसके इस्तेमाल से हमारी सेहत को ऐसे कई फायदे होते हैं जो हमने कभी सोचे भी नहीं होंगे इसलिए आप अपने दैनिक जीवन में लौंग का उपयोग जरूर करें.
हर चीज के अपने फायदे भी होते हैं और नुकसान भी चाहे वह किसी भी विषय में हो. तो आइए जानते हैं की लौंग के हमें क्या नुकसान हो सकते हैं?
1. अधिक मात्रा में लौंग का सेवन करने से हमें किसी भी प्रकार की एलर्जी की समस्या हो सकती है.
2. लौंग के अंदर ऐसे कई यौगिक तत्व होते हैं जो हमारे खून को पतला कर बिल्डिंग की समस्या को बढ़ा सकते हैं.
3. लौंग की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से हमें कई साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं.
4. अधिक मात्रा में लौंग का सेवन करना शरीर में जलन पैदा कर सकती है.
5. लौंग का अधिक मात्रा में सेवन करना हमारे लीवर और आंतों को नुकसान पहुंचा सकता है.
6. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को लौंग का सेवन नहीं करना चाहिए.
हमने अपने इस पूरे लेख में जाना की लौंग के फायदे-नुकसान, रात में लौंग खाने के फायदे, पुरुषों के लिए लौंग के फायदे और इसके घरेलू उपयोग के बारे में.
अंत में हमें यही निष्कर्ष मिलता है कि हमें अपनी दैनिक दिनचर्या में लौंग का सेवन जरूर करना चाहिए वही भी 2 या 3. अधिक मात्रा में लौंग का सेवन नुकसानदायक हो सकता है.
धन्यवाद.
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फेफड़े हमारे शरीर के एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जिनके बिना जीवन की कल्पना करना भी संभव नहीं है.
आज हम अपने इस लेख में बताने जा रहे हैं कि फेफड़ों (लंग्स) को स्वस्थ या मजबूत रखने के उपाय (Tips), व्यायाम, घरेलू उपाय और योगासन.
दुनिया में जितनी भी सजीव चीजें हैं उनका जीवनव्यापन उनकी सांसें होती है. मनुष्य के शरीर में सांस लेने की प्रक्रिया फेफड़ों के द्वारा ही होती है.
यदि हमारे फेफड़े (Lungs) स्वस्थ नहीं होंगे तो इनसे हमें कई बीमारियां हो सकती हैं जैसे कि अस्थमा, फेफड़ों का कैंसर, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और टीबी.
यदि हम अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखना चाहते हैं? हम चाहते हैं कि फेफड़ों से होने वाली बीमारियों से हम बचे रहें और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे, तो हमें अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने पड़ते हैं.
जिससे हम अपने पूरे शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं तो आइए पढ़ते हैं.
फेफड़ों (लंग्स) को स्वस्थ रखने के लिए हमें कुछ विटामिंस की जरूरत होती है जैसे कि विटामिन A, विटामिन C और कैरोटीन तत्व आदि.
यदि हम नियमित रूप से गाजर का सेवन करते हैं तो इससे हमें विटामिंस की प्राप्ति होती है जिससे धीरे-धीरे हमारे फेफड़े साफ और स्वस्थ रहते हैं और हम फेफड़ों से संबंधित बीमारियां से भी बच सकते हैं.
100gm गाजर के अंदर विटामिन A 16706 IU और विटामिन C 5.9 mg होता है, जो कि विटामिंस की एक अच्छी मात्रा है इसलिए हमें फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए गाजर का सेवन जरूर करना चाहिए.
यदि हम अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो हमें विटामिन C से भरपूर आहार लेना चाहिए.
क्योंकि विटामिन C एक तरह का एंटी-ऑक्सीडेंट होता है जो हमारे शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है.
जिससे हमारे शरीर को बाहरी संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है. हमें अपने आहार में पालक, संतरा, कीवी, अमरूद, केला, नींबू, गाजर, आंवला, अंगूर, टमाटर का जूस आदि फलों का सेवन करना चाहिए.
जिससे हमारी बॉडी को पर्याप्त मात्रा में विटामिन C की प्राप्ति हो और हमारा शरीर अंदर से स्वस्थ रहे.
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए हम लहसुन का भी उपयोग कर सकते हैं क्योंकि लहसुन हमारे शरीर में एक एंटीबायोटिक की तरह काम करता है.
लहसुन के अंदर एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीफंगल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, विटामिन C, विटामिन A और भी कई अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं.
हर 100 ग्राम लहसुन के अंदर विटामिन C की मात्रा 31.2mg होती है.
सुबह खाली पेट लहसुन की एक या दो कली को बारीक काटकर हल्के गुनगुने पानी के साथ पीने से हमारे फेफड़े स्वस्थ होते हैं और हमारी इम्यूनिटी पावर भी बढ़ती है.
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए अदरक का भी उपयोग कर सकते हैं क्योंकि अदरक के अंदर एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं.
जो हमारे शरीर से हानिकारक पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करते हैं. अदरक के उपयोग से हमारे फेफड़ों के परिसंचरण मे सुधार होता है और हमारे फेफड़े स्वस्थ रहते हैं.
ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए और फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए भी आवश्यक होता है.
ओमेगा 3 के सेवन से हमारे शरीर की कोशिकाएं ठीक से काम करती हैं और हमारे शरीर में खून का जमना और अस्थमा जैसी बीमारियों में भी लाभ होता है.
ओमेगा 3 फैटी एसिड हमें कई चीजों से प्राप्त होते हैं जैसे कि अखरोट, सूखे मेवे, सरसों के बीज, हरी सब्जियां, ब्रोकली स्ट्रॉबेरी, गाय का दूध, मूंगफली और अंडा आदि.
हर कोई अपनी जीवन शैली में व्यस्त है कोई घर पर रहकर काम करता है और कोई बाहर. जो लोग बाहर रहकर दिन भर अपने काम में व्यस्त रहते हैं उनको हमेशा आसपास के प्रदूषण से बचके रहना चाहिए.
क्योंकि प्रदूषण के अंदर अधिक मात्रा में हानिकारक तत्व या बैक्टीरियल होते हैं जो हमारे द्वारा सांस लेने पर शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं.
और धीरे-धीरे हमारे फेफड़ों में जमा होने लगते हैं जिससे हमें कुछ समय बाद कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है.
यदि हमें अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखना है तो हमें धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से बचना चाहिए. धूम्रपान करना हमारे फेफड़ों के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है.
दुनिया में तंबाकू के सेवन से हर साल कई लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है और हर साल यह मृत्यु दर का आंकड़ा बढ़ता ही जाता है.
तंबाकू के सेवन से हमें फेफड़ों से संबंधित कैंसर जैसी बीमारियां तो होती ही हैं और साथ में निमोनिया, मधुमेह, अंधापन जैसे रोग भी हो सकते हैं.
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए हमें उन सभी पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए जिसके अंदर एंटी-ऑक्सीडेंट तत्वों की मात्रा ज्यादा होती है.
क्योंकि एंटी-ऑक्सीडेंट्स तत्व हमारे शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालते हैं और हमारी बॉडी को डिटॉक्सिफाई करते है.
हम अपने आहार में कुछ फल और सब्जियों का सेवन कर सकते हैं जैसे कि हरी सब्जियां, पालक, फूलगोभी, ब्रोकोली, प्याज, लहसुन, अंगूर, सेब, अंडा, स्ट्रॉबेरी, मछली, ग्रीन-टी, ब्लैक-टी आदि.
फेफड़ों को साफ करने के लिए हमें अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए क्योंकि शुद्ध पानी अपने आप में ही दवा का काम करता है.
पानी के अंदर ही पर्याप्त मात्रा में मिनरल्स पाए जाते हैं जो हमारे फेफड़ों से निकोटिन पदार्थ को बाहर निकालते हैं और हमारी बॉडी को डिटॉक्सिफाई करते हैं.
दिन भर में कम से कम 7 से 8 लीटर पानी पीने से हमें ऊर्जा भी मिलती है और हमारा तन-मन स्वस्थ रहता है.
यदि हम अपने व्यस्त जीवन से थोड़ा सा समय निकाल कर व्यायाम करते हैं तो इससे हमारा शरीर फिजिकली फिट तो रहता ही है और हम कई बीमारियों से बचे रहते हैं.
तो आइए जानते हैं, हम एक्सरसाइज के द्वारा फेफड़ों को कैसे स्वस्थ रख सकते हैं?
यदि हम गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज करते हैं तो इससे हमारे संपूर्ण शरीर को फायदा होता है. हमारे फेफड़े तो स्वस्थ होते ही हैं साथ में हमारा हृदय भी स्वस्थ रहता है.
गहरी सांस (breathing exercises) लेने के और भी कई फायदे हैं, जैसे कि हमारा शरीफ डिटॉक्सिफाई होता है यानी कि हमारे शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं.
शरीर में ऑक्सीजन का स्तर पड़ता है, तनाव कम होता है, पाचन तंत्र दुरुस्त होता है, और हमारी श्वसन प्रणाली भी बेहतर होती है.
यदि हम अपने व्यस्त जीवन में से 30 या 35 मिनट कार्डियो एक्सरसाइज करते हैं तो इससे हमारे संपूर्ण शरीर स्वस्थ रहता है.
कार्डियो एक्सरसाइज में आप जोगिंग, रनिंग, स्विमिंग, जैसी एक्सरसाइज अपना सकते हैं जो कि फेफड़ो के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है.
कार्डियो व्यायाम करने से हमारी मांसपेशियां मजबूत होती हैं और हमारे शरीर को अंदर से तरोताजा ऊर्जा प्राप्त होती है और हम दिन भर अपने आप को ऊर्जावान महसूस करते हैं.
स्विमिंग करना फेफड़ों के लिए एक बहुत ही अच्छी एक्सरसाइज मानी जाती है. जब हम पानी के अंदर स्विमिंग करते हैं तो हमें अपनी सांस को रोकना पड़ता है जिससे हमारे फेफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ती है और यह मजबूत होते हैं.
स्विमिंग करने से हमें और भी कई फायदे होते हैं जैसे कि वजन कम करने में, स्टेमिना बढ़ाने, फिजिकली फिट रहने में, मांसपेशियां मजबूत करने और तनाव दूर करने में आदि.
नियमित रूप से पुशअप्स करने से हमारे शरीर की फिजिकल एक्टिविटी बढ़ती है और साथ में हम कई बीमारियों से भी बचे रहते हैं.
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए पुश-अप्स एक बहुत ही अच्छी एक्सरसाइज है जिससे हमारे फेफड़ों की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, हमारे फेफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ती है और फेफड़ों से संबंधित होने वाली बीमारियों का भी खतरा कम रहता है.
यदि हम अपने जीवन में इतने व्यस्त हैं कि हमारे पास व्यायाम करने का समय नहीं है तो हम कुछ घरेलू उपाय का उपयोग करके अपने फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं तो आइए पढ़ते हैं.
ग्रीन टी - ग्रीन टी का सेवन फेफड़ों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है क्योंकि ग्रीन टी के अंदर पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो हमारे फेफड़े और शरीर को डिटॉक्सिफाई करते हैं.
गाजर - गाजर का जूस हमारे फेफड़ों के लिए बहुत ही फायदेमंद है. हमें सुबह नाश्ते में या दोपहर में खाने के साथ 300 ml गाजर का जूस पीना चाहिए इससे हमारे फेफड़े अच्छी तरह से डिटॉक्सिफाई होते हैं.
नींबू रस - यदि हम सुबह के समय एक गिलास पानी में नींबू डालकर नींबू पानी का सेवन करते हैं तो इससे हमारे फेफड़े साफ होते हैं. यदि सुबह हम अनानास या अनार का जूस पीते हैं तो यह भी हमारे फेफड़ों के लिए फायदेमंद होता है.
अदरक की चाय - फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए हम अदरक की चाय का भी सेवन कर सकते हैं, क्योंकि अदरक के अंदर भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो हमारे फेफड़ों से विषाक्त पदार्थों को पसीने के द्वारा बाहर निकालते हैं और फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.
फेफड़ों को साफ करने की ड्रिंक - एक लीटर गर्म पानी में एक चम्मच सोंठ पाउडर, एक चम्मच हल्दी पाउडर और थोड़े से प्याज के छोटे-छोटे टुकड़े इस 1 लीटर पानी में मिला दें.
इसे धीमी आंच पर जब तक पकाएं जब तक यह पानी आधा लीटर न रह जाए. बचे हुए आधा लीटर पानी को आप दो बार में पिए और दोनों के बीच में कम से कम 15 घंटे का गैप रखें.
यदि हम अपने व्यस्त जीवन में थोड़ा सा समय निकाल कर योगासन करते हैं, तो यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है. तो आइए जानते हैं कि हम अपने फेफड़ों को साफ करने के लिए कौन से योगासन कर सकते हैं.
अनुलोम-विलोम एक बहुत ही चमत्कारिक प्राणायाम है जिससे हमारे शरीर को कई फायदे होते हैं, जैसे कि
A. यह हर तरह की चिंता को दूर रखने में मदद करता है, दिल में किसी भी तरह की रुकावट नहीं आने देता है,.
B. फेफड़ों को साफ करने के लिए और सांस की किसी भी तरह की बीमारी के लिए या योगासन बहुत ही फायदेमंद है.
A. त्रिकोणासन करने पर हमारी सांस फेफड़ों तक आसानी से पहुंचती है.
B. पैरों व जांघों की मांसपेशियां भी मजबूत होती है.
C. यह आसन पैरों, घुटनों, और हाथों को मजबूती प्रदान करता है.
D. तनाव को कम करता है, शारीरिक और मानसिक शक्ति और स्थिरता भी बढ़ाने में मदद करता है.
A. गोमुखासन प्राणायाम करने से यह सीने के रास्ते को सांस पास होने के लिए खोल देता है.
B. अस्थमा जैसी बीमारियों के लिए भी बहुत फायदेमंद है, क्योंकि इस आसन के करने से हमारे फेफड़े और श्वसन प्रणाली मजबूत होती है.
C. थकावट दूर होने के साथ-साथ तनाव भी कम होता है और पीठ दर्द में भी बहुत आराम देता है.
A. भुजंगासन प्राणायाम करने से अधिक से अधिक ऑक्सीजन शरीर में सूखने के लिए मददगार होता है.
B. रीढ़ की हड्डियों में मजबूती और लचीलापन पड़ता है.
C. पाचन तंत्र, योन शक्ति भी बढ़ती है.
D. फेफड़े, कंधे, सीने और पेट के निचले हिस्से को भी अच्छा खिंचाव मिलता है.
फेफड़े हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, सांस लेना और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ना हमारे फेफड़ों के द्वारा ही संभव होता है.
हमने अपने इस लेख में जाना की फेफड़ों को स्वस्थ रखने के उपाय (Tips), फेफड़ों को साफ करने के लिए एक्सरसाइज और योगासन.
अंत में मैं आपसे यही कहूंगा कि हमें अपने जीवन में ऐसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए जिससे हमारे शरीर को नुकसान हो और हमें आगे चलकर कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़े. धन्यवाद
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केला एक बहुत ही स्वास्थ्य वर्धक फल है, खाने में केला स्वादिष्ट तो लगता ही है लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के लिए किसी औषधि से कम नहीं.
हम अपने इस पूरे लेख में जानेंगे कि केले खाने से हमारी सेहत को क्या फायदे, नुकसान, उपयोग, केले खाने का सही समय, दूध और केला साथ में खाना चाहिए या नहीं और केले की तासीर ठंडी होती है या गर्म.
अगर हम केले की तुलना दूसरे फलों से करते हैं तो यह सस्ता,पोषक तत्वों से भरपूर और पूरे साल भर मिलने वाला फल है.
यदि हम प्रतिदिन एक सेब का सेवन करते हैं तो हम कई बीमारियों से बचे रहते हैं, उसी तरह केले का सेवन करके भी हम कई बीमारियों से सुरक्षित रह सकते हैं.
केला एक ऐसा फल है जिसे हम खाना खाने के बाद खाना पचाने के लिए और सुबह नाश्ते के रूप में भी खा सकते हैं.
केले के अंदर कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जैसे कि ऊर्जा (Energy), प्रोटीन, डाइटरी फाइबर,नियासिन,विटामिन A, विटामिन C, विटामिन E, विटामिन K, सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, कॉपर और आयरन आदि.
आइए आगे पढ़ते हैं केले के बारे में कुछ रोचक तथ्य और इसके सेहतमंद फायदे.
आइए जानते हैं केले का सेवन करने से हमारे शरीर को क्या फायदे होते हैं कैसे हम कई गंभीर बीमारियों से अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर सकते हैं? तो आइए पढ़ते हैं.
यदि हम अपनी दिनचर्या के काम को करने में इतने व्यस्त रहते हैं कि हम अपने सेहत की देखभाल नहीं कर पाते हैं, तो हमें ज्यादा कुछ नहीं करना है आप सुबह नाश्ते के समय 2 केलो का सेवन या खाना खाने के बाद 2-3 केलो का सेवन कर सकते हैं.
जिससे आपका खाना भी पच जाएगा और आप सुबह से शाम तक अपने आप को ऊर्जावान महसूस करेंगे. क्योंकि केले के अंदर सबसे ज्यादा ऊर्जा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, ग्लूकोज होता है.
हर 100 ग्राम केले के अंदर 89 कैलोरी होती है.
केला खाने के बहुत फायदे होते हैं उनमें से एक हमारी आंखों के लिए भी है, यदि हम नियमित केले का सेवन करते हैं तो इसमें पाए जाने वाला विटामिन A हमारी आंखों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है और आंखों की कई रोग भी धीरे-धीरे कम होने लगते हैं.
इसलिए यदि हम अपनी आंखों को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो हमें दिन में कम से कम 2 या 3 केलो का सेवन जरूर करना चाहिए.
हर 100 ग्राम केले के अंदर 64 IU (International unit) विटामिन A पाया जाता है जो कि हमारी आंखों के लिए बहुत ही फायदेमंद है.
केला एक ऐसा फल है जो दूसरों फलों से कम नहीं क्योंकि केला खाने के कितने फायदे होते हैं? हम सोच भी नहीं सकते. जैसे कि यदि आपको खून की कमी या आप एनीमिया जैसी बीमारियों से ग्रस्त हैं तो आप केले का सेवन कर सकते हैं.
केले के अंदर लोह तत्व विटामिन, आयरन की मात्रा पाई जाती है जो आपके अंदर खून की कमी को पूरा करता है और छोटी-छोटी बीमारी जैसे थकान, चक्कर आना, सिर दर्द, सांस की तकलीफ आदि इन सब में भी फायदा होता है.
यदि आप अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखना चाहते हैं, आप चाहते हैं कि हम बार-बार बीमार ना पड़े तो हमें कुछ ऐसे फलों का भी सेवन करना चाहिए जो हमारे शरीर में विटामिंस, खनिज तत्व, एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों की पूर्ति करते रहें.
हम अपनी इस पोस्ट में केले फल की बात कर रहे हैं जो कि अपने आप में एक बहुत ही अच्छा पौष्टिक फल है. इसके नियमित सेवन से हमें विटामिन A, विटामिन C, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों की प्राप्ति होती है.
जो हमारे अंदर के सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और बाहरी संक्रमण से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं.
वजन या मोटापा घटाने के लिए केला एक बहुत ही फायदेमंद फल है, क्योंकि केले के अंदर भरपूर मात्रा में फाइबर और ऊर्जा होती है.
जिसके सेवन से हमें काफी समय तक भूख महसूस नहीं होती है, जिससे हम अधिक मात्रा में भोजन का सेवन नहीं करते हैं और हमारी पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है.
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केला खाने के 9 सेहतमंद फायदे |
यदि हम केले का सेवन करते हैं तो इससे शरीर की पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है. क्योंकि केले के अंदर एक अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है.
यदि हम फाइबर युक्त भोजन ग्रहण करते हैं तो ऐसे पदार्थ हमारी आंतो में चिपकते नहीं है, जिससे हमें मल त्यागने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है और हमारी पाचन संबंधी समस्याएं भी दूर रहती हैं.
फाइबर युक्त भोजन करने से हम बवासीर जैसी बीमारियों से भी बच सकते हैं.
केले का सेवन हमारी हड्डियों की मजबूती के लिए भी फायदेमंद होता है. यदि हमें अपनी हड्डियों की देखभाल करनी है तो हमें विटामिन D पोषक तत्व की प्राप्ति होना अनिवार्य होता है.
केले के अंदर कैल्शियम, मैग्निशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारी हड्डियों की विकास के लिए जरूरी होते हैं.
केला एक ऐसा फल है जो हमारे शरीर के कई अंगों की देखभाल करने में सक्षम है. केला खाना हमारे हृदय के लिए भी फायदेमंद होता है, क्योंकि केला खाने से हमें पोटेशियम तत्व की प्राप्ति होती है जो हमारे शरीर के इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है.
पोटेशियम हमारे हृदय, मस्तिष्क और मांसपेशियों के कामकाज के लिए भी आवश्यक होता है. इसलिए हमारे शरीर को पोटेशियम तत्व की प्राप्ति होना भी जरूरी है.
भरपूर मात्रा में पोटेशियम युक्त पदार्थों का सेवन करने से हम हृदय संबंधित बीमारी जैसे हार्टअटैक, हाइपरटेंशन और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याओं से बचे रहते हैं.
यदि हम अपने मस्तिष्क को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो हमें केले का सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर विटामिन B6 और मैग्नीशियम जैसे तत्व होते हैं.
जो हमारे मस्तिष्क की कार्य प्रणाली को मजबूत बनाते हैं. विटामिन B6 जैसे तत्व शारीरिक और मानसिक कार्यों के लिए बहुत जरूरी होते हैं.
स्वस्थ रहने के लिए और बहुत सी बीमारियों से बचने के लिए हम फलों का सेवन तो करते ही हैं लेकिन यदि हम फलों को घरेलू उपायों की तरह उपयोग करें तो यह और भी फायदेमंद होता है.
तो आइए जानते हैं केले के उपयोगों के बारे में.
सूजन - सभी प्रकार की सूजन को कम करने के लिए केला खाना लाभकारी होता है.
चोट लग जाना – चोट या रगड़ लगने पर केले के छिलके को उस स्थान पर बांधने से सूजन नहीं बढ़ती है.
गैस्ट्रिक अल्सर - गैस्ट्रिक अल्सर के मरीजों को दूध और केला एक साथ खाना चाहिए. केला और दूध का सेवन करने से पेट के अल्सर में फायदा होता है.
हृदय का दर्द - 2 केले 15 ग्राम शहद के साथ मिलाकर खाने से दिल में होने वाला दर्द ठीक हो जाता है.
मिट्टी खाना - अगर बच्चों को मिट्टी खाने की आदत हो तो उन्हें एक पका हुआ केला शहद में मिलाकर खिलाना चाहिए इनसे उनकी मिट्टी खाने की आदत छूट जाती है.
दाद खाज - केले के गूदे को नींबू के रस में पीस लें और दाद, खाज या खुजली पर लगाएं इससे हमें दाद खाज खुजली में आराम मिलता है.
पेट का दर्द - किसी भी प्रकार की पेट के दर्द में केला खाना लाभकारी होता है. दस्त, पेट का दर्द, पाचन क्रिया के सुधार में और कब्ज जैसी बीमारियों में केला खाना लाभकारी होता है.
दस्त – 2 केले लगभग 100 ग्राम दही के साथ कुछ दिन तक खाने से दस्त में आराम मिलता है.
मुंह के छाले - जीभ पर छाले होने पर एक केला गाय के दही के साथ सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है.
नाक से खून आना - एक गिलास दूध में चीनी मिलाकर दो केले के साथ प्रतिदिन 10 दिनों तक खाने से नाक से खून आना बंद हो जाता है.
पेशाब का रुक जाना - केले की जड़ के बीच के भाग को पीसकर पेट की नाभि के नीचे तक लेप लगाने से बंद पेशाब खुलकर आने लगती है.
पेशाब का बार बार आना – 1. प्रतिदिन खाना खाने के बाद दो पके केले खाने से पेशाब का बार बार आना बंद हो जाता है.
2. पका हुआ दो केले एक चम्मच आंवला का रस और 10 ग्राम मिश्री मिलाकर 4 से 5 दिनों तक पीने से बार बार पेशाब आना ठीक हो जाता है.
उच्च रक्तचाप - केले में पोटेशियम की अधिकता के कारण यह उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए विशेष लाभकारी होता है. केला खाने से हाई ब्लड प्रेशर सामान्य बना रहता है.
प्रतिदिन एक पका केला खाली पेट खाने और ऊपर से इलायची के 2 दाने चबाने से हाई ब्लड प्रेशर सामान्य बना रहता है.
हिचकी - 3 ग्राम केले की जड़ को पानी के साथ घिसकर उसमें चीनी और मिश्री मिलाकर सेवन करने से हिचकी नहीं आती है.
जलन - केले और कमल के पत्तों पर सोने से शरीर की जलन शांत होती है.
कमजोरी - खाना खाने के बाद 3 महीने तक केला खाने से कमजोरी दूर हो जाती है.
वीर्य रोग - एक पका केला 5 ग्राम घी के साथ सुबह-शाम 1 सप्ताह तक खाने से धातु के रोग खत्म हो जाते हैं.
काली खांसी – केले के सूखे पत्तों को जलाकर राख बना लें. इस राख को लगभग 6 मिलीग्राम शहद में मिलाकर रोगी को दिन में तीन से चार बार देने से काली खांसी दूर होती है.
गंजापन - केले के गूदे को नींबू के रस के साथ पीसकर सिर पर लगाने से गंजेपन का रोग दूर होता है.
रतौंधी - केले के पत्तों का रस आंखों में लगाने से रतौंधी रोग दूर होने की संभावना होती है.
उल्टी - 5 ग्राम केले के रस में शहद मिलाकर पीने से उल्टी में लाभ होता है.
पेचिश - 1. केले को मसल कर उसमें जीरा और नमक मिलाकर खाने से पेचिश का रोग ठीक होता है.
2. केले को दही में मिलाकर खाने से पेचिश का रोग दूर होता है.
3. पेचिश के रोगी को केले की रोटी बनाकर खाना खिलाना चाहिए इससे दस्त में खून का आना बंद होता है.
घाव - केले के छिलके को पीसकर घाव पर लगाने से घाव ठीक होता है.
आंतों का घाव - केले का रस 20 से 40 ग्राम और कालीमिर्च मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से आमाशय की जलन व घाव समाप्त होती है.
जी मचलना - केले पर चीनी और इलायची डालकर खाने से खट्टी डकार आना बंद होती हैं. यदि पेट में जलन शुरू होकर गले तक फैलती है तो 2 केले, चीनी व इलायची मिलाकर खाना चाहिए.
कफ - गले में कफ अधिक बनने पर केला और शहतूत खाना लाभदायक होता है.
मधुमेह - मधुमेह के रोग में कच्चे केले के टुकड़े करके उसे सुखा लें और उसे कूटकर चूर्ण बना कर बोतल में भर लें. यह चूर्ण एक चम्मच गाय के दूध के साथ सेवन करने से मधुमेह में लाभ होता है.
मधुमेह रोगी को बार-बार पेशाब लगती है तो उसे केला खाना बहुत फायदेमंद होता है.
पित्त की पथरी - केले के तने में थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पीने से कुछ दिनों में पथरी निकल जाती है.
पेट का दर्द - केले के रस में काला नमक मिलाकर खाने से पेट का दर्द तुरंत बंद हो जाता है.
पेट के कीड़े - कच्चे केले की सब्जी 7 से 8 दिन तक सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते हैं.
चेचक - केले के बीजों का चूर्ण बनाकर शहद में मिलाकर पीने से चेचक रोग जल्दी ठीक होता है, और दूसरे लोगों को भी चेचक होने का डर नहीं रहता है.
पीलिया – 1. खाने वाला चूना 1 ग्राम को एक केले में प्रतिदिन भूखे पेट खाने से कुछ दिनों में पीलिया रोग ठीक हो जाता है.
2. पका हुआ केला और शहद मिलाकर खाने से पीलिया रोग में भी आराम मिलता है.
पोषक तत्व (Nutrients) | मात्रा (The quantity) | अनुशंसित आहार भत्ता (Recommended Dieatry Allowance - The estimated amount of a nutrient per day for good health) |
---|---|---|
ऊर्जा (Energy) | 89 Kcal | 4.50 % |
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) | 22.84 g | 18 % |
प्रोटीन (Protein) | 1.09 g | 2% |
टोटल फैट (Total fat) | 0.33 g | 1 % |
कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) | 0 mg | 0 % |
फाइबर (Dietary Fiber) | 2.60 g | 7 % |
फोलटेस (Folates) | 20 µg | 5 % |
नियासिन (Niacin) | 0.665 mg | 4 % |
पाइरिडोक्सिन (pyridoxine) | 0.334 mg | 7 % |
राइबोफ्लेविन (Riboflavin) | 0.073 mg | 5 % |
थायमिन (Thiamin) | 0.031 mg | 2 % |
विटामिन (Vitamin A) | 64 IU | 2 % |
विटामिन (Vitamin C) | 8.7 mg | 15 % |
विटामिन (Vitamin E) | 0.10 mg | 1 % |
विटामिन (Vitamin k) | 0.5 µg | 1 % |
सोडियम (Sodium) | 1 mg | 0 % |
पोटेशियम (Potassium) | 358 mg | 8 % |
आयरन (Iron) | 0.26 mg | 2 % |
मैग्नीशियम (Megnesium) | 27 mg | 7 % |
मैग्नीज (Manganese) | 0.270 mg | 13 % |
जिंक (Zinc) | 0.15 mg | 1 % |
कैल्शियम (Calcium) | 5 mg | 0.50 % |
कॉपर (Copper) | 0.078 mg | 8 % |
केला एक बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक और पोषक तत्वों से भरा हुआ फल है, लेकिन इसे खाने से पहले हमें कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है, तो आइए जानते हैं.
सुबह के समय केले का सेवन हमारे पूरे शरीर को एक नई ऊर्जा प्रदान करता है. जिससे हम अपनी दिनचर्या को बिना थकान महसूस किए ही खत्म कर लेते हैं.
क्योंकि केले के अंदर ऊर्जा, विटामिंस, पोषक तत्व, एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो कि हमें दिन भर ऊर्जावान बनाए रखते हैं.
लेकिन बहुत से लोग समय की कमी के अभाव से सुबह नाश्ते के रूप में केले का सेवन खाली पेट ही कर लेते हैं जो कि बिल्कुल गलत है.
आयुर्वेद के अनुसार भी केले का सेवन हमें खाली पेट नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर मैग्नीशियम, कैल्शियम, फाइबर की मात्रा अधिक होती है जिससे हमारी सेहत बिगड़ सकती है.
खाली पेट केला खाने से दूसरा नुकसान हमें यह होता है कि हमारी भूख भी मर जाती है.
बहुत से लोग रात में खाना खाने के बाद या शाम के समय केले का सेवन कर लेते हैं. इससे हमारे स्वास्थ्य को कहीं ना कहीं नुकसान पहुंच सकता है.
आयुर्वेद के अनुसार केले खाने का सही समय सुबह 8 बजे से लेकर 11 बजे तक का होता है. केला एक अम्लीय और ठंडी तासीर वाला फल है, इसलिए इसका सेवन रात में नुकसानदायक हो सकता है.
रात में केले का सेवन हमें खांसी, कफ, अल्सर और पेट में दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है. इसलिए केले का सेवन हमेशा ब्रेकफास्ट के बाद सुबह और दोपहर में ही करना चाहिए.
केला ठंडी तासीर वाला फल है इसके खाने के फायदे भी बहुत हैं और कुछ नुकसान भी. केला एक ठंडी प्रकृति वाला फल है इसलिए इसका सेवन हमें शाम और रात में नहीं करना चाहिए.
दूध और केला साथ में खाने से या बनाना शेक (Banana shake) पीने से हमारी सेहत को कई गजब के फायदे होते हैं.
ऐसे कई विटामिंस होते हैं जो दूध में नहीं होते हैं लेकिन केले के अंदर पाए जाते हैं और जो केले के अंदर नहीं होते हैं वह दूध के अंदर पाए जाते हैं, तो इसके मिश्रण से हमें हर तरह के विटामिंस, मिनरल्स और पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है जो हमारी सेहत के लिए जरूरी होते हैं.
इसलिए बहुत से लोग बनाना शेक या दूध और केले का सेवन साथ में करते हैं. जैसा कि हम जानते है जो लोग जिम में वर्कआउट करते हैं वह बनाना शेक का सेवन जरूर करते हैं जिससे उन्हें भरपूर एनर्जी मिलती रहे.
बहुत से लोग दूध और केले का सेवन साथ में करते हैं जिससे हमें फायदा तो होता है लेकिन इसका नुकसान भी है. आयुर्वेद विशेषज्ञों का यह कहना है की दूध और केला साथ में लेने से हमें जठराग्नि, अपच की समस्याएं हो सकती हैं क्योंकि दूध और केले दोनों की ही तासीर ठंडी होती है.
दूध और केला साथ में लेने से हमें सर्दी, खांसी, जुखाम, पाचन क्रिया, उल्टी और एलर्जी संबंधित समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है.
इसलिए कई विशेषज्ञों का यह कहना है कि पहले हमें दूध का सेवन करना चाहिए उसके 20-25 मिनट बाद हम केले का सेवन कर सकते हैं.
वैसे तो केला खाने से हमारे स्वास्थ्य को कई लाभ होते हैं, लेकिन यदि हम अधिक मात्रा में केले का सेवन कर लेते हैं तो हमें कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है.
तो आइए जानते हैं केले खाने के क्या नुकसान हो सकते हैं?
1. केले के अंदर फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है इसलिए इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से हमें पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
2. केले के अंदर पोटेशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है इसलिए इसका अधिक सेवन करने से यह हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है.
3. केले का अधिक मात्रा में सेवन करना हमारे शरीर के वजन को बढ़ा सकता है.
4. केले का अधिक मात्रा में सेवन करने से दांतों में कीड़ा लगने का डर रहता है.
5. जिन व्यक्तियों को गुर्दे सही रूप से काम नहीं करते हैं उन्हें केला का सेवन नहीं करना चाहिए.
6. कच्चे केले का अधिक मात्रा में सेवन करने से हमें कब्ज की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है.
इस पूरे लेख में हमने यह जाना कि केले खाने से हमारी सेहत को क्या फायदे और नुकसान होते हैं. हमने यह भी जाना की केले का हम कैसे उपयोग करते हैं?
दूध और केला साथ में खाने के क्या फायदे और नुकसान होते हैं, केला खाने का सही समय और इसकी तासीर के बारे में.
अगर हम केले की तुलना किसी दूसरे फलों से करते हैं तो केला एक सस्ता और पोषक तत्वों से भरा हुआ फल है, जो स्वादिष्ट तो है ही और साथ में हमारी सेहत का भी ख्याल रखता है.
अंत में मैं यही कहूंगा कि हमें हर उन फलों का सेवन करना चाहिए जो मौसम के अनुसार आते रहते हैं. धन्यवाद
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आज हम अपने इस लेख में जानेंगे कि शहद खाने से हमारे शरीर को क्या अचूक फायदे होते हैं और हम किन-किन बीमारियों से बचे रहते हैं. शहद खाने में जितना स्वादिष्ट और मीठा होता है उससे कहीं ज्यादा शहद के लाभ होते हैं.
प्राचीन काल के समय से ही शहद का उपयोग सेहत को स्वस्थ रखने के लिए किया जा रहा है. इसीलिए आज के समय में भी हर आयुर्वेदिक दवाइयों में जहां तक की एलोपैथिक दवाइयों में भी शहद का उपयोग किया जा रहा है.
यदि हम स्वस्थ और फिट रहना चाहते हैं तो हमें शहद का सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि शहद के अंदर वह सारे जरूरी पोषक तत्व (Nutrients) पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को अंदरूनी शक्ति प्रदान करते हैं और बाहरी संक्रमणो से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं.
शहद के अंदर कई विटामिन और खनिज तत्व पाए जाते हैं जैसे कि सोडियम, पोटेशियम, विटामिन A, कैल्शियम, विटामिन D, विटामिन C, आयरन, विटामिन B-6, कैलोरी (Energy) आदि.
यदि हम शहद का सेवन करते हैं तो हम कई छोटी-छोटी बीमारियों से भी बच सकते है जैसे कि तनाव कम करने में, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर, हड्डियों के रोग, प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए, हृदय रोग, कैंसर, त्वचा से संबंधित रोग आदि.
आइए आगे जानते हैं शहद से संबंधित जानकारियों के बारे में.
आइए जानते हैं की यदि हम अपने दैनिक जीवन में शहद का उपयोग करते हैं तो हमारी सेहत को क्या-क्या लाभ होते हैं, और हम किन-किन बीमारियों से अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर सकते हैं.
यदि हम अपने मोटापे या निरंतर वजन बढ़ने से परेशान हैं तो हम अपने दैनिक जीवन में यदि शहद का उपयोग करते हैं तो यह हमारे लिए बहुत ही उपयोगी साबित होता है.
क्योंकि कई अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि शहद के अंदर ऐसे खनिज तत्व और विटामिंस पाए जाते हैं जो हमारे शरीर से अतिरिक्त चर्बी को धीरे-धीरे खत्म करते हैं.
वजन को नियंत्रण रखने में मदद करते हैं और साथ ही शरीर का कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कम करते है. आगे हम चर्चा करेंगे कि हमें शहद का उपयोग वजन घटाने के लिए कैसे करना है?
यदि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी तो हम मौसम परिवर्तन से होने वाली छोटी-छोटी बीमारियों से हमेशा बचे रहेंगे जैसे कि सर्दी, खांसी जुखाम आदि.
यदि हम प्रतिदिन शहद का सेवन करते हैं तो हमारे शरीर को अंदरूनी शक्ति प्राप्त होती है क्योंकि शहर के अंदर अच्छी मात्रा में विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण तीव्र गति से करते हैं.
हम अपनी दिनचर्या में कई ऐसे शारीरिक और मानसिक काम करते हैं जिससे हमें धीरे-धीरे थकान महसूस होने लगती है और हमारे शरीर की सारी ऊर्जा खत्म हो जाती है.
ऐसे में शहद का सेवन करना बहुत ही उपयोगी होता है, यदि हम सुबह के समय शहद का सेवन करते हैं तो इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स और विटामिंस हमारे शरीर को दिनभर ऊर्जावान बनाए रखते हैं.
हमारे शरीर में एक ताजगी को भर देते हैं जिससे हम अपनी दिनचर्या के कामों को अच्छे से कर सकते हैं.
तनाव या चिंता का होना एक आम बात है जो कि हमें ज्यादा सोचने से या दिनभर की दिनचर्या को खत्म करने से उत्पन्न होने लगता है.
जब हम तनाव को महसूस करते हैं तो हम अपने आप को स्वस्थ और खुश महसूस नहीं करते हैं.
कई रिपोर्टों के अनुसार यह ज्ञात हुआ है कि कच्चे शहद के अंदर बहुत से ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो हमारे चिंता और हमारे स्ट्रेस लेवल को कम करने के फायदेमंद होते हैं.
शहद बच्चों के लिए भी फायदेमंद होता है क्योंकि इसके सेवन से बच्चों को अच्छी नींद आती है.
जब हमारे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है तो यह हमारे हृदय की धमनियों को धीरे-धीरे ब्लॉक करने लगता है जिससे हृदय में रक्त सही रूप से नहीं पहुंचता है.
कोलेस्ट्रोल एक प्रकार का वसा है जो लीवर द्वारा उत्पन्न होता है. कोलेस्ट्रोल दो प्रकार का होता है लो डेंसिटी लिपॉप्रोटीन (Low density lipoprotein) जिसे हम खराब कोलस्ट्रोल से जानते हैं और हाई डेंसिटी लिपॉप्रोटीन (High density lipoprotein) जिसे हम अच्छे कोलेस्ट्रॉल के नाम से जानते हैं.
यदि हम शहद का नियमित सेवन करते हैं तो इससे प्राप्त होने वाले तत्वों से हमारे शरीर के अंदर खराब कोलेस्ट्रॉल का लेवल नियंत्रण रहता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल का निर्माण होता है.
उम्र के साथ-साथ हमारी हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं और हमें गठिया और ऑस्टोपायरोसिस जैसी कई बीमारियां घेरने लगती हैं.
हड्डियों की मजबूती के लिए भी हम शहद का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि शहद के अंदर कई तरह के विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और anti-inflammatory गुण पाए जाते हैं जो हमारी हड्डियों को मजबूती प्रदान करते हैं.
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शहद खाने के 12 अनमोल फायदे | Benefits of eating honey |
बालों और त्वचा की देखभाल के लिए शहद का उपयोग प्राचीन समय से ही किया जा रहा है. बाजार में भी कई ऐसे आयुर्वेदिक प्रोडक्ट मौजूद हैं जिनमें शहद का उपयोग किया जाता है.
शहद (शहद के फायदे) हमारे बालों की कई समस्याओं को खत्म करते हैं जैसे कि रूसी, बालों का टूटना, रूखापन, बालों का झड़ना आदि.
शहद हमारे बालों के लिए इसलिए फायदेमंद होता है क्योंकि इसके अंदर एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-ऑक्सीडेंट और कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारी बालों की देखभाल और उनकी ग्रोथ के लिए आवश्यक होते हैं.
गलत खानपान और गलत लाइफस्टाइल जीने से हमारे शरीर में कई गंभीर बीमारियां धीरे-धीरे पनपने लगती हैं. इनमें से एक है उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन बीमारी.
यदि हम शहद का सेवन करते हैं तो यह हमारे शरीर में रक्त के स्तर को नियंत्रण करता है और हमारे शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है.
जिससे हम काफी हद तक उच्च रक्तचाप (high blood pressure) की बीमारी से बच सकते हैं.
निखरती और सुंदर त्वचा के लिए हम शहद का उपयोग प्राचीन समय से ही करते आ रहे हैं. आज भी बाजार में उपलब्ध कई ऐसे प्रोडक्ट आते हैं जिनमें शहद का उपयोग हमारी त्वचा को निखारने के लिए किया जाता है.
शहद के उपयोग से हमारे चेहरे की कई समस्याएं खत्म होती हैं जैसे कि मुहांसों का कम होना, चेहरे की झुर्रियों को कम करने में मददगार, होठों को नरम और लाल बनाने में फायदेमंद और त्वचा को साफ और प्राकृतिक निखार देने में भी मदद करता है.
शहद हमारी त्वचा के लिए इसलिए फायदेमंद होता है क्योंकि इसके अंदर एक अच्छी मात्रा में विटामिन C, एंटी-ऑक्सीडेंट गुण, एंटी-फंगल, एंटी- बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो हमारी चेहरे की हर तरह से देखभाल करते हैं.
जब हम त्वचा को निखारने के लिए घरेलू नुस्खों को अपनाते हैं तो इसमें शहद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में भी सहित बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि शहद के अंदर anti-cancer गुण पाए जाते हैं जो हमारे कैंसर सेल्स को विकसित होने से रोकता है.
गलत खानपान की वजह से धीरे-धीरे हमें गैस या एसिडिटी की समस्या होने लगती है यह समस्या कभी-कभी एक गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है.
यदि हम शहद का उपयोग करते हैं तो हम इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं. क्योंकि कई घरेलू उपायों में गैस की समस्या को खत्म करने के लिए शहद का उपयोग किया जाता है.
इसमें पाए जाने वाले एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण हमें एसिडिटी की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं.
शहद के अंदर प्रोबायोटिक या सहायक बैक्टीरिया भी प्रचुर मात्रा में होते हैं जो पाचन में मदद करते हैं और एलर्जी को भी कम करते हैं.
हृदय संबंधित बीमारी में भी शहद बहुत फायदेमंद होता है. शहद के उपयोग से हमारे शरीर की कोशिकाओं में जमा हुआ खराब कोलेस्ट्रॉल धीरे-धीरे कम होता है और हमारे हृदय को एक शक्ति और ऊर्जा मिलती है. जिससे हम हृदय संबंधित कई बीमारियों से बच सकते हैं.
शहद शरीर पर अलग तरह से असर डालता है यह निर्भर करता है कि आप इसका सेवन किस प्रकार कर रहे हैं. आइए जानते हैं शहद के घरेलू उपयोग के बारे में.
शहद का उपयोग खून बढ़ाने के लिए - अगर शहद को गुनगुने पानी में मिलाकर पिया जाए तो उसका खून में लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) की संख्या में अच्छा असर पड़ता है.
लाल रक्त कोशिकाएं मुख्य रूप से हमारे शरीर के अंदर विभिन्न अंगों तक खून में ऑक्सीजन पहुंचाती हैं. शहद और गुनगुने पानी का मिश्रण रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाता है जिससे हम खून की कमी या एनीमिया जैसी बीमारियों से बच सकते हैं.
शहद चीनी से कम नुकसानदायक - शरीर पर सफेद चीनी के हानिकारक प्रभावों के बारे में बहुत कुछ बताया गया है, शहद इसका एक बढ़िया विकल्प हो सकता है.
शहद के अंदर सिंपल शुगर होती है मगर वह सफेद चीनी से काफी भिन्न होती है. इसके अंदर करीब 30 फ़ीसदी ग्लूकोस और 40 फ़ीसदी फ्रक्टोज होता है.
योग करने के लिए फायदेमंद - जो लोग नियमित रूप से योग करते हैं उनके लिए शहद का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है. क्योंकि यह आपके रक्त में संतुलन लाता है, आपके शरीर को अधिक जीवंत बनाता है और अंदर से एक ऊर्जा प्रदान करता है.
सुबह अभ्यास शुरू करने से पहले गुनगुने पानी में थोड़ा सा शहद मिलाकर लेने पर शरीर सक्रिय हो जाता है.
शहद एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर - शहद का सेवन लाभदायक एंटीऑक्सीडेंट तत्वों की संख्या को बढ़ाता है. शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बेहतर बनाता है.
कई अध्ययनों में जख्मों की चिकित्सा में भी शहद के इस्तेमाल पर विचार किया गया है. एक अध्ययन में भाग लेने वाले सभी लोगों के जख्मों से सारा बैक्टीरिया नष्ट हो गया.
एक और अध्ययन में शहद के इस्तेमाल से 15 मरीजों के जखम और पैर के अल्सर ठीक हो गए. पारंपरिक चिकित्सा में शहद के लाभ में स्वास्थ संबंधी संक्रमण का उपचार भी शामिल है.
दिल के लिए फायदेमंद - दिल के लिए फायदेमंद एक अनार का ताजा रस लेकर उसमें एक बड़ा चम्मच शहद मिलाएं रोजाना सुबह खाली पेट ले.
इससे आपके दिल की देखभाल भी होती है और कई बीमारियों से भी बचते हैं.
सर्दी जुखाम में शहद के फायदे - अगर आप सर्दी जुखाम से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित हैं या आपको हर सुबह बंद नाक से जूझना पड़ता है. तो नीम, काली मिर्च, शहद और हल्दी का सेवन काफी फायदेमंद हो सकता है.
काली मिर्च के 10 से 12 दानों को दरदरा कूट लें और उन्हें 2 छोटे चम्मच शहद में रात भर भिगो कर रखें सुबह खूब अच्छी तरह चबाते हुए काली मिर्च के दाने खा लें.आप शहद में थोड़ी हल्दी भी मिला सकते हैं.
खांसी में शहद के फायदे – (1) एक नींबू पानी में उबालें फिर निकालकर कांच के गिलास में निचोड़े. इसमें 30ml ग्लिसरीन और 90ml शहद मिलाकर अच्छी तरह से मिलाए इसकी एक- एक चम्मच 4 बार लेने से खांसी बंद हो जाती .
(2) 12 ग्राम शहद दिन में तीन बार लेने से कफ निकल जाता है और खांसी ठीक हो जाती है. काली मिर्च और शहद मिलाकर पीने से खांसी और कफ में काफी आराम मिलता है.
पेट के रोग - कम भूख लगना, कब्ज, अपच, गैस आदि को दूर करने के लिए तीन चम्मच पिसा हुआ आंवला रात को एक गिलास पानी में भिगो दें.
सुबह इसे छानकर चार चम्मच शहद मिलाकर पीने से हमें पेट के रोगों में काफी आराम मिलता है.
थकावट - थकावट को दूर करने के लिए दो चम्मच शहद आधे गिलास गर्म पानी में नींबू का रस निचोड़ कर पी लें. सारी थकावट दूर हो जाएगी और आप पुनः ताजगी को महसूस करेंगे.
हिचकी - दो चम्मच प्याज के रस में इतना ही शहद मिलाकर खाने से हिचकी बंद हो जाती है केवल शहद लेने से भी हिचकी बंद होने में मदद मिलती है.
कब्ज के लिए - कब्ज दूर करने के लिए दूध और शहद बहुत फायदेमंद होता है. प्रातः व रात को सोने से पहले 50 ग्राम शहद ताजा पानी या दूध में मिलाकर पिए. शहद का पेट पर संतोषजनक प्रभाव पड़ता है और धीरे-धीरे कब्ज की बीमारी भी खत्म होने लगती है.
त्वचा के लिए – नींबू, शहद, बेसन और तिल के तेल का उबटन (Scrub) लगाने से त्वचा में प्राकृतिक निखार आकर्षण बढ़ता है. क्योंकि शहद त्वचा को कोमल ,सुंदर और आकर्षक बनाता है.
शक्ति वर्धक - शहद ह्रदय को शक्ति देने के लिए विश्व की समस्त औषधियों में सर्वोत्तम है. शहद हमारे हृदय को शक्ति प्रदान करता है वही स्वस्थ हृदय को मजबूत और शक्तिशाली बनाता है.
शहद की एक चम्मच गर्म पानी में डालकर पिए एक चम्मच शहद प्रतिदिन लेने से हृदय मजबूत बनता है और हमारे हृदय को पर्याप्त कैलोरी की प्राप्ति होती है.
गर्भावस्था - शहद में प्रोटीन होता है, प्रोटीन का सेवन गर्भावस्था में करने से फायदा होता है. शहद में कुछ हार्मोन होते हैं जो गर्भावस्था महिलाओं के रंग रूप को बनाए रखते हैं.
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को खून की कमी आ जाती है इस दौरान शहद का उपयोग महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है. महिलाओं को दो चम्मच शहद प्रतिदिन पीने से रक्त की कमी नहीं होती है.
सर्दी खांसी बुखार – सर्दी-खांसी होने पर एक चम्मच शहद में चौथाई चम्मच पिसी हुई पीपल मिलाकर रोजाना तीन बार खाएं.
पीलिया - प्रतिदिन तीन बार एक-एक चम्मच शहद को पानी के गिलास में मिलाकर पीने से पीलिया में लाभ होता है.
फेफड़ों के रोग - फेफड़ों से संबंधित बीमारियां जैसे निमोनिया, टीवी, दमा और ब्रोंकाइटिस आदि में शहद का सेवन लाभदायक होता है.
जल जाने पर - जले हुए अंगों पर शहद का लेप करने से जलन कम होती है, घाव होने पर जब तक ठीक ना हो शहद लगाते रहे. घाव ठीक होने पर जले हुए हुए के सफेद दाग बने रहते हैं.
इन पर शहद लगाकर पट्टी बांधते रहे धीरे-धीरे यह सफेद दाग मिटने लगेंगे.
गले में - यदि आपके गले में सूजन हो तो एक चम्मच शहद दिन में तीन बार लेने से लाभ होता है और यदि आपके गले की आवाज बैठ गई है तो एक कप गर्म पानी में एक चम्मच शहद डालकर गरारे करने से आपकी आवाज खुल जाती है.
पोषक तत्व (Nutrients) | मात्रा (The quantity) |
---|---|
ऊर्जा (Energy) | 304 Kcal |
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) | 82.4 g |
प्रोटीन (Protein) | 0.3 g |
शुगर (Sugar) | 82.12 g |
कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) | 0 mg |
फाइबर (Dietary Fiber) | 0.2 g |
फोलटेस (Folates) | 2 µg |
नियासिन (Niacin) | 0.121 mg |
राइबोफ्लेविन (Riboflavin) | 0.038 mg |
विटामिन (Vitamin C) | 0.5 mg |
सोडियम (Sodium) | 4 mg |
पोटेशियम (Potassium) | 52 mg |
आयरन (Iron) | 0.42 mg |
मैग्नीशियम (Megnesium) | 2 mg |
मैग्नीज (Manganese) | 0.08 mg |
जिंक (Zinc) | 0.22 mg |
कैल्शियम (Calcium) | 6 mg |
कॉपर (Copper) | 0.036 mg |
1. कांच के गिलास में साफ पानी ले इसमें पतले तार की तरह शहद को गिराए यदि शहद शुद्ध होगा तो यह गिलास की सतह पर बैठ जाएगा जबकि अशुद्ध शहद पानी में घुल जाता है.
2. थोड़े से शहद को एक रुई में भिगो लें फिर रुई को जलाएं यदि शहद नकली होगा तो यह जलेगा ही नहीं.
3. असली शहद सर्दी में के मौसम में जम जाता है जबकि गर्मी के मौसम में यह पिघलने लगता है. लेकिन यदि आप जो शहद उपयोग में ला रहे हैं यदि वह हर मौसम में एक जैसा ही रहता है तो आपका यह शहद मिलावटी है.
4. शुद्ध शहद पर जब मक्खी बैठती है तो यह शहद में फंसती नहीं है जबकि मिलावटी शहद में मक्खी फसकर रह जाती हैं.
शहद एक गुणकारी प्राकृतिक औषधि है जिसके अंदर कई ऐसे विटामिंस पाए जाते हैं जो हमारी स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होते हैं.
हम रोजाना फल, सब्जी, रोटी यह सब तो खाते ही हैं लेकिन यदि हम सुबह के टाइम खाली पेट गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच शहद का सेवन करते हैं तो यह हमारे लिए सोने पर सुहागा होता है.
खाली पेट गुनगुने पानी के साथ शहद के सेवन से हमें कई फायदे होते हैं जैसे कि वजन कम करने के लिए, पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए, दिन भर ऊर्जावान रहने के लिए,हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों में भी फायदेमंद होता है.
शहद एक प्राकृतिक औषधि है लेकिन किसी भी औषधि का सेवन अधिक मात्रा में करने से हमारे शरीर को नुकसान पहुंच सकता है. तो आइए जानते हैं कि शहद से हमें क्या नुकसान हो सकते हैं?
1. अधिक मात्रा में शहद का सेवन करने से हमें अपने शरीर में कुछ साइड इफेक्ट देखने को मिल सकते हैं जैसे की उल्टी, जी घबराना, डायरिया जैसी शिकायत हो सकती है.
2. शहद का अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.
3. शहद का अधिक मात्रा में सेवन करने से हमें एलर्जी की भी समस्या हो सकती है.
4. जो भी डायबिटिक मरीज होते हैं उन्हें शहद का सेवन हमेशा डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए.
5. 1 साल से कम उम्र के बच्चों को शहद नहीं देना चाहिए क्योंकि इसमें बोटुलिज़्म बैक्टीरिया के जीवाणु होते हैं जो बच्चों को बीमार कर सकते हैं.
Q. शहद खाने के क्या फायदे होते हैं?
A. शहद खाने में तो स्वादिष्ट होता ही है लेकिन शहद एक औषधि की तरह हमारे स्वास्थ्य के लिए काम करता है. शहद खाने से कई लाभ होते हैं.
जैसे कि मोटापा कम करने में, ब्लड प्रेशर, चेहरे और बालों की देखभाल के लिए, हड्डियों की मजबूती, तनाव कम करने में, खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण करने के लिए, हृदय रोग, कैंसर जैसी बीमारियों में भी बहुत फायदेमंद होता है.
Q. असली शहद की पहचान कैसे करें?
A 1. थोड़े से शहद को एक रुई में भिगो लें फिर रुई को जलाएं यदि शहद नकली होगा तो यह जलेगा ही नहीं.
2. असली शहद सर्दी में के मौसम में जम जाता है जबकि गर्मी के मौसम में यह पिघलने लगता है. लेकिन यदि आप जो शहद उपयोग में ला रहे हैं यदि वह हर मौसम में एक जैसा ही रहता है तो आपका यह शहद मिलावटी है.
3. शुद्ध शहद पर जब मक्खी बैठती है तो यह शहद में फंसती नहीं है जबकि मिलावटी शहद में मक्खी फसकर रह जाती हैं.
Q. शहद खाने से हम किन बीमारियों से बच सकते हैं?
A. शहद के उपयोग से हम कई छोटी-छोटी बीमारियों से बच सकते हैं जैसे कि बारिश के मौसम में सर्दी-खांसी, जुखाम, गले में हिचकिचाहट, फंगल इन्फेक्शन, दिल के रोग,ब्लड प्रेशर आदि.
Q. शहद के अंदर कौन-कौन से विटामिंस होते हैं?
A. शहद के अंदर कई विटामिंस पाए जाते हैं जैसे कि ऊर्जा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन C, सोडियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक, कैलशियम और कॉपर आदि.
Q. सुबह गर्म पानी के साथ नींबू और शहद लेने के क्या फायदे होते हैं?
A.एसिडिटी कम करने में, त्वचा में निखार लाने के लिए, ऊर्जा की प्राप्ति ,वजन घटाने में सहायक, बॉडी डिटॉक्सिफाई करने के लिए, और रक्त का शुद्धिकरण करने के लिए आदि.
Q.क्या हम रात में शहद का सेवन कर सकते हैं?
A. हां, रात में सोने से पहले हम शहद का सेवन कर सकते हैं.
Q. क्या शहद को गर्म पानी के साथ देना सही है?
A. हां, गर्म पानी के साथ शहद लेने से हमारे शरीर को क्या फायदे होते हैं जैसे कि प्रतिरक्षा प्रणाली का मजबूत होना ,वजन कम होना, बॉडी का डिटॉक्सिफाई होना और ऊर्जा की प्राप्ति आदि.
इस पूरे लेख को पढ़कर हमें यह निष्कर्ष मिलता है कि शहद खाने से हमारे शरीर को क्या-क्या फायदे (शहद के लाभ) होते हैं और अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से हमें क्या नुकसान हो सकते हैं?
हमने जाना कि शहद के अंदर किस प्रकार के विटामिंस या पोषक तत्व (nutrients) पाए जाते हैं और इसकी तासीर किस प्रकार की होती है?
प्राचीन समय से ही शहद प्राकृतिक जड़ी बूटी के रूप में उपयोग किया जा रहा है इसलिए हमें भी इसका सेवन जरूर करना चाहिए.
हम जो प्रतिदिन भोजन ग्रहण करते हैं उनसे हमें हर प्रकार के विटामिन, ऊर्जा और खनिज तत्वों की प्राप्ति नहीं हो पाती है.
इसलिए हमें अपने जीवन शैली में कुछ ऐसी प्राकृतिक औषधियों को अपनाना चाहिए जो हमारी प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाएं और हमें स्वस्थ एवं ऊर्जावान बनाए रखें.
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